नयी दिल्ली: संसद द्वारा राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण संशोधन विधेयक को मंजूरी दिये जाने के बाद श्रीलंका में ईस्टर रविवार को हुआ बम विस्फोट मामला संभवत: ऐसा पहला मामला होगा जिसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) करेगी। गत 21 अप्रैल को श्रीलंका में नौ आत्मघाती हमलावरों ने सिलसिलेवार बम विस्फोटों को अंजाम दिया था जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
संसद ने विदेशों में आतंकवादी घटनाओं में भारतीय नागरिकों के प्रभावित होने की स्थिति में ‘एनआईए को मामला दर्ज कर अन्य देशों में जाकर जांच करने का अधिकार देने वाले एक महत्वपूर्ण विधेयक ‘राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण संशोधन विधेयक 2019 को 17 जुलाई अपनी मंजूरी दे दी थी और कानून मंत्रालय ने 25 जुलाई को इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी।
घटनाक्रम से जुड़े गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीलंका में हुए धमाकों की घटना, एनआईए द्वारा विदेशों में जांच किया जाने वाला पहला मामला बनने जा रहा है। एनआईए के दो सदस्यीय दल ने मई में श्रीलंका का दौरा किया था और वहां अधिकारियों से उन दावों के बारे में चर्चा की थी जिनमें कहा गया था कि आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जुड़े कुछ आतंकवादियों ने कश्मीर समेत भारत की यात्रा की थी।
अधिकारी ने बताया कि हालांकि, अभी तक एनआईए अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं होने के कारण कोई भी मामला दर्ज नहीं कर पाई है। लेकिन संशोधित कानून के साथ, एजेंसी अब मामले की जांच कर सकती है। संशोधित अधिनियम एनआईए को भारतीय नागरिकों और विदेशों में भारतीय हितों को निशाना बनाकर किये गये आतंकवादी हमलों की जांच करने का अधिकार देता है। ईस्टर हमलों से पहले भारत ने द्वीपीय देश को सतर्क किया था कि आईएसआईएस के आतंकवादी वहां हमला करने की साजिश रच रहे है।