अशोक मट्टू हॉकी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष एवं अनुभवी खेल प्रशासक का निधन

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मुक्केबाजी और हाकी महासंघों के अलग अलग समय पर अध्यक्ष रहे अनुभवी खेल प्रशासक अशोक कुमार मट्टू का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया. वह 75 बरस के थे. उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटियां हैं. मट्टू के करीबी मित्र और अब भंग हो चुके भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ (आईएबीएफ) में उनके साथी रहे अशोक गंगोपाध्याय ने पीटीआई को बताया, ‘‘मट्टू पिछले पांच-छह महीने से बीमार थे. वह आयु संबंधित बीमारियों से परेशान थे जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ा था.’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनका आज सुबह साढ़े आठ बजे निधन हो गया.’’ भारतीय खेल जगत की सम्मानित शख्सियत मट्टू 16 साल आईएबीएफ अध्यक्ष रहे. उन्होंने 1980 से 1989 और फिर 1993 से 2001 तक यह जिम्मेदारी संभाली. मौजूदा मुख्य मुक्केबाजी कोच एसआर सिंह ने कहा, ‘‘यह भारतीय मुक्केबाजी का बड़ा नुकसान है. मट्टू शानदार प्रशासक ही नहीं बल्कि बेहतरीन व्यक्ति भी थे.’’

हाकी इंडिया जब 2009 में बना तो मट्टू इसके पहले अध्यक्ष थे. खिलाड़ियों के साथ संघ के वेतन विवाद के बाद उन्होंने 2010 में इस्तीफा दे दिया. भारतीय ओलंपिक संघ के हस्तक्षेप के बाद यह विवाद सुलझा था. मट्टू उस समय आईओए के कोषाध्यक्ष भी थे जबकि 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति में भी वह इस पद पर रहे.

भ्रष्टाचार के आरोप सामने आने के बाद मट्टू ने राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति से 2010 में इस्तीफा दे दिया. उन्हें हालांकि कुछ महीनों के भीतर दोबारा इस पद पर लाया गया जब उनकी जगह यह जिम्मेदारी संभालने वाले अनिल खन्ना को इस्तीफा देना पड़ा. मट्टू 1984 लास एंजिलिस और 1998 साल ओलंपिक में भारत के मिशन प्रमुख भी रहे.

आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा, ‘‘वह अनुभवी प्रशासक थे जिन्हें उनकी ईमानदारी के लिए जाना जाता है. पूरे खेल जगत को उनकी कमी खलेगी. आईओए परिवार की ओर से मैं उनके परिवार के प्रति संवेदना जाहिर करता हूं

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