नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 10वां दिन है। दस दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। बता दें कि किसान नेताओं और सरकार के बीच गुरुवार को हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका था। किसानों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत होनी है। किसान नेताओं ने अपनी मांगों को दोहराते हुए कहा कि इन नए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केन्द्र सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी नए कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं बल्कि वे चाहते हैं कि इन कानूनों को रद्द किया जाए। किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगे मानने की अपील की है। इसके साथ ही किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है साथ ही उन्होंने इस दिन टोल प्लाजाओं पर कब्जे की भी चेतावनी दी।
किसानों ने शुक्रवार शाम संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि केंद्र सरकार शनिवार की वार्ता के दौरान उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करेंगे। किसानों ने कहा कि यदि इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो हमने आने वाले दिनों में दिल्ली की शेष सड़कों को अवरुद्ध करने की योजना बनाई गई है। किसानों ने कहा कि किसान 5 दिसंबर को केन्द्र सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और उनके पुतले फूकेंगे और सात दिसंबर को खिलाड़ी किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए अपने पदक लौटाएंगे। किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली-एनसीआर की यातायात प्रभावित हो रहा है। तो चलिए जानते हैं किसान आंदोलन के जुड़े सारे लेटेस्ट अपडेट्स…
आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी: आज केंद्र सरकार के साथ कृषि कानूनों पर होने वाली बैठक पर किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह #FarmersProtest pic.twitter.com/solGkrlCLa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 5, 2020
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