फिलहाल MSME को कर्ज देने में सरकारी बैंक निजी बैंकों से काफी आगे
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को निजी क्षेत्र के प्रमुखों के साथ बैठक की और उनसे सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिये 3 लाख करोड़ रुपये के आपात कर्ज सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा। कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से एमएसएमई क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ा है। ईसीएलजीएस पर वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये हुई बैठक में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के सीईओ भी शामिल हुए।
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट के जरिए इस बैठक की जानकारी दी। सरकार चाहती है कि छोटे उद्योगों को मदद देने के लिए निजी बैंक भी सामने आएं। जिससे MSME को मौजूदा संकट से उबारने के लिए हर संभव और हर स्तर से मदद दी जा सके।
निक क्षेत्र के बैंक एमएसएमई को कर्ज उपलब्ध कराने में सबसे आगे हैं। 12 पीएसबी ने इस योजना के तहत नौ जून तक 14,690.84 करोड़ रुपये का कर्ज जारी भी कर दिए हैं। लेकिन निजी बैंकों के प्रदर्शन इस मामले में सुस्त है।
ये कर्ज मौजूदा संकट के समय में एमएसएमई सेक्टर की तरलता जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा घोषित तीन लाख करोड़ रुपये के इमर्जेसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत दिए जा रहे हैं। ईसीएलजीएस स्कीम पिछले महीने सीतारमण द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत मिशन पैकेज का सबसे बड़ा वित्तीय घटक है।
Dr KC Sharma, who has worked on research to produce 'Hariman 99 Summer Zone Apple' says, "We've cultivated this apple in every State & Union territory of India. We've planted 54 apple trees in Rashtrapati Bhawan. If you do not have land, you can plant it on your terrace". (15.06) pic.twitter.com/hQNHeqJ94A
— ANI (@ANI) June 15, 2020
पसंद आया तो—— कमेंट्स बॉक्स में अपने सुझाव व् कमेंट्स जुरूर करे और शेयर करें
आईडिया टीवी न्यूज़ :- से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमें फेसबुक यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो लाइक करें