उन्नाव रेप पीड़िता के एक्सिडेंट मामले में पुलिस ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई मनोज सिंह सेंगर समेत आठ लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या की साजिश रचने के धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. आरोपी विधायक पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.
लखनऊ: उन्नाव रेप की पीड़िता और उसके परिवार के पर हुए जानलेवा हमले के मामले में पुलिस ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई मनोज सिंह सेंगर और आठ अन्य के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. जानकारी के मुताबिक पीड़िता के चाचा की शिकायत पर पुलिस ने ये एफआईआर दर्ज की है और आरोपी विधायक समेत सभी दस लोगों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है वहीं दूसरी तरफ पीड़िता की हालत नाजुक बनी हुई है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है.
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत से जूझ रही पीड़िता की हालत के बारे में हॉस्पिटल लगातार अप्डेट दे रहा है. ट्रॉमा सेंटर के मीडिया इंचार्ज संदीप तिवारी ने बताया है कि रेप पीड़िता और उनके वकील दोनों को वेंटिलेटर पर रखा गया है. दोनों की हालत नाजुक है. संदीप तिवारी के मुताबिक दोनों की हालत फिलहाल स्थिर है और डॉक्टर उन्हें बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. संदीप तिवारी के मुताबिक रेप पीड़िता के पैर में फैक्चर है और सिर पर गहरी चोट लगी है.
पुलिस के मुताबिक एक्सिडेंट मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के अलावा मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्र, हरिपाल मिश्र, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेन्द्र सिंह और रिंकू सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इन सभी आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 302(हत्या), 307(हत्या की साजिश), 506 (जान से मारने की धमकी देना) 120B (अपराध को अंजाम देने के लिए साझा साजिश यानी कॉमन कॉन्सपिरेसी) की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है.
मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है कि क्योंकि इससे जुड़े आरोपी में बीजेपी विधायक भी है. सोमवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा में उठाते हुए इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की. इस मामले पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट कर इस हादसे को षड्यंत्र करार दिया. उन्होंने कहा कि ‘उन्नाव रेप पीड़िता के कार की रायबरेली में कल ट्रक से टक्कर प्रथम दृष्टया उसे जान से मारने का षडयंत्र लगता है जिसमें उसकी चाची व मौसी की मौत हो गई तथा वह स्वंय व उसके वकील गंभीर रूप से घायल हैं. मा. सुप्रीम कोर्ट को इसका संझान लेकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए.’