चारा घोटाला से जुड़े चाईबासा केस में जेल की सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव को जमानत मिल गई है। चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को जमानत दे दी। मगर अभी उनकी रिहाई नहीं हो पाएगी। जब तक चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक लालू प्रसाद यादव जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
दरअसल, चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद को रांची की सीबीआई कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई है। लालू ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि इस मामले में उन्होंने आधी सजा काट ली है। इस आधार पर उन्हें जमानत मिलनी चाहिए।
कोर्ट ने आदेश दिया कि लालू प्रसाद यादव को 50 हजार का दो निजी मुचलका भरना है और दो लाख जुर्माना भी देना है। कोर्ट ने लालू यादव की बीमारी की रिपोर्ट मांगी है और इस बीच कितने लोग उनसे मिले है उसकी रिपोर्ट भी मांगी है। रिपोर्ट पर छह नवंबर को सुनवाई होगी।
इससे पहले 11 सितंबर को सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से लालू की याचिका का विरोध किया गया था। सीबीआई ने जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि लालू को चार मामले में सजा सुनाई गई है। सभी सजा अलग-अलग चल रही हैं। जब तक सभी सजा एक साथ चलने का आदेश संबंधित अदालत नहीं दे देती है, तब तक सभी सजा अलग-अलग चलेंगी। सभी में आधी सजा काटने के बाद ही इन्हें जमानत मिल सकती है।
जुलाई महीने में लालू प्रसाद ने जमानत याचिका दाखिल की थी। इसमें उनके बिगड़ते स्वास्थ्य का भी हवाला दिया गया था। जमानत याचिका में आधार बनाया गया है कि लालू प्रसाद यादव ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआइ कोर्ट द्वारा सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है और लालू प्रसाद यादव फिलहाल आधा दर्जन से ज्यादा गंभीर असाध्य रोगों से ग्रसित हैं। इसलिए उन्हें जमानत दी जाए।
लालू के पक्ष ने क्या कहा
लालू की तरफ से पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि लालू प्रसाद को अब तक सभी मामले में आधी सजा काटने पर जमानत दी गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी आधी सजा काटने पर जमानत देने का प्रावधान किया है। इस कारण इसका लाभ लालू प्रसाद को भी मिलना चाहिए। अदालत को बताया गया कि उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है। वह डायबिटिज, हृदय रोग, किडनीऔर कई बीमारियों से ग्रसित हैं। बढ़ती उम्र और बीमारियों को देखते हुए भी उन्हें जमानत प्रदान किया जाना चाहिए।
किस मामले में कितनी सजा
पहला मामला- चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये निकालने का आरोप। लालू समेत 44 अभियुक्त।
सजा- मामले में 5 साल की सजा हुई। लालू जमानत पर
दूसरा मामला- देवघर सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोप। लालू समेत 38 पर केस
सजा- लालू को साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना। लालू जमानत पर
तीसरा मामला- चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप। लालू समेत 56 आरोपी।
सजा- लालू दोषी करार, 5 साल की सजा। लालू जमानत पर
चौथा मामला- दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला। लालू प्रसाद यादव दोषी करार।
सजा- 2 अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा, 60 लाख जुर्माना। -जमानत याचिका दाखिल नहीं
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिहाज से लालू यादव की जमानत को काफी अहम माना जा रहा था। मगर दुमका मामले में सुनवाई लंबित है, जिस वजह से उन्हें रिया नहीं किया जा सकता। फिलहाल लालू यादव का रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं। लालू प्रसाद यादव के बाहर निकलने से बिहार की राजनीति का समीकरण बदल सकता है।
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— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 9, 2020
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