आज पेश किए गए बजट में निर्मला सीतारमण ने अमीरों पर टैक्स बढ़ा दिया है, तो वहीं गरीबों को राहत भी दी है. किताबों और सोने की कीमत में बढ़ोतरी की गई तो आर्टिफिशियल किडनी, डायलिसिस मशीन को सस्ता किया गया है.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार को पेश किया. सरकार और उसके सहयोगी दल जहां बजट की तारीफ करते नहीं थक रहे वहीं कांग्रेस ने इस बजट को फीका बताया है. कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिजंबरम ने बजट की कमियां गिनाते हुए इसे फीका करार दिया. उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी नहीं हुआ कि बजट भाषण में कुल राजस्व, कुल खर्च, वित्तीय घाटा आदि का उल्लेख ना हो.
चिदंबरम ने कहा, ”बजट फीका था. बजट भाषण में मनरेगा, मिड डे मील, स्वास्थ्य सेवा, एससीए-एसटी, अल्पसंख्यक, महिलाओं के लिए आवंटित राशि का जिक्र नहीं था. ये हैरान करने वाला है. किसी भी वर्ग को राहत नहीं मिली है उल्टे कई उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी और पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ गया जिसका असर करदाताओं पर पड़ेगा.”
चिदंबरम ने बजट के कुछ हिस्सों पर सरकार की सराहना भी लेकिन इसके बारे में ज्यादा जानकारी ना होने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि बजट में क्रेडिट गारन्टी एन्हांसमेंट कॉर्पोरेशन, गैस ग्रिड और वाटर ग्रिड जैसे महत्वपूर्ण बिंदु थे लेकिन उनपर विस्तृत जानकारी नहीं है. इसलिए हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि बजट आम लोगों या अर्थशास्त्रियों की आवाज सुने बिना बनाया गया है. ये बजट आर्थिक सर्वे की अपेक्षाओं को भी पूरा नहीं करता. सूटकेस की जगह फोल्डर में बजट कॉपी के सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि भविष्य में कांग्रेस का वित्त मंत्र I Pad ले कर आएगा.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी बजट को लेकर सरकार को घेरा और पीएम मोदी के न्यू इंडिया के सपने पर भी सवाल उठाए. सुरजेवाला ने कहा कि बजट में गांव गरीब किसान, युवा थोथे शब्द बन गए हैं. पेट्रोल-डीजल में 2.65 रुपए के टैक्स का बोझ मोदी सरकार ने डाला है. रोजगार सृजन की बात ही नहीं है, किसानों की आय दुगनी करने या MSP बढ़ाने की बात नहीं है.. क्या यही न्यू इंडिया है? ये बजट आंकड़ों को छुपाने की अनर्गल कोशिश है.