भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ट्रेनर रामजी श्रीनिवासन का मानना है कि अगर खिलाड़ी नहीं खेलते हैं तो उनकी फिटनेस का मतलब नहीं रह जाता है। बिना खेल के फिटनेस पर काम करना समय की बर्बादी है। 2011 वर्ल्ड कप के दौरान वे टीम इंडिया के स्ट्रेंथ और कंडिशनिंग कोच थे।
Former Team India trainer Ramji Srinivasan is baffled at the cut-off margin for the #YoYoTest. @Wriddhaayan reports.
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— Sportstar (@sportstarweb) June 19, 2018
रामजी ने कहा- फिटनेस के बाद अगर आप मैदान पर इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो यह बेकार है। एक का दूसरे में सकारात्मक ट्रांसफर ही फिटनेस का आधार है। क्या गेंदबाजों के लिए लॉन्ग ब्रेक मुश्किल हो सकता है। इस पर उन्होंने कहा- गेंदबाजी लय और कौशल आधारित फिटनेस से जुड़ी है। दोनों एक-दूसरे से जुड़े हैं। ऐसे में कौशल आधारित फिटनेस निश्चित तौर पर प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि यह खिलाड़ियों के लिए कठिन समय है, क्योंकि उन्हें टूर्नामेंट शुरू होने से पहले मानसिक और शारीरिक दोनों स्तरों पर काम करना है।
Meet Ramji Srinivasan, the fitness trainer who helped in the resurgence of Tamil Nadu cricket this season: https://t.co/x8fB4PSyVw
— The Hindu – Sports (@TheHinduSports) April 18, 2017
बतौर विकेटकीपर धोनी की जगह लेने का दबाव रहता है
इधर, लोकेश राहुल ने कहा कि विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी की जगह लेने का बहुत दबाव रहता है। पिछले कुछ समय से राहुल बतौर विकेटकीपर खेल रहे हैं। उन्होंने कहा- जब मैं विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी निभा रहा था तो नर्वस था, क्योंकि दर्शकों के कारण आप पर दबाव रहता है। अगर आप चूक जाते हैं तो लोग सोचते हैं कि आप धोनी की जगह नहीं ले सकते। विकेटकीपर के रूप में किसी को स्वीकार करने पर लोगों के दिमाग में यह बात जरूर आती है।
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