दोषियों के वकील एपी सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में फांसी की सजा पर रोक लगाने की अर्जी दी लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी. इसके बाद एपी सिंह सुप्रीम कोर्ट गए लेकिन देश की सबसे बड़ी अदालत ने भी याचिका खारिज कर दी
निर्भया गैंगरेप केस में दोषियों की फांसी टलवाने की सारी कोशिश नाकाम हो गई। दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी के खिलाफ याचिका गुरूवार और शुक्रवार की आधी रात को ठुकरा दी। जिसके बाद अब निर्भया के चारों दोषियों की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्भया गैंगरेप के दोषी पवन गुप्ता की तरफ से दायर फांसी के खिलाफ याचिका खारिज होने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने खुशी जाहिर की। निर्भया की मां ने कहा कि आज वो खुशी महसूस कर रही हैं क्योंकि उनकी बेटी को आखिरकार इंसाफ मिल गया। इस अपराध से पूरा देश शर्मसार था और आज देश को इंसाफ मिला है। उन्होंने कहा कि आज का सूरज हमारी बच्चियों के नाम होगा। आशा देवी ने कहा कि इस घड़ी के लिए उन्हें पिछले सात वर्षों में काफी संघर्ष करना पड़ा।
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इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट में दो जजों की बेंच ने गुरूवार की देर रात मामले पर स्पेशल सुनवाई करीब डेढ़ घंटे तक करने के बाद दोषियों की सारी दलीलें खारिज कर दी। उसके बाद निर्भया के वकील एपी सिंह ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं।
चारों दोषी- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को पहली बार निर्भया गैंगरेप केस में साल 2013 में मौत की सजा सुनाई गई थी। गौरतलब है कि साल 2012 में दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में चलती बस में 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ 6 दरिदों ने सारी हदें पार करते हुए उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। निर्भया को इलाज के लिए देश से बाहर भी ले जाया गया, लेकिन वह नहीं बच पाई। इस झकझोर देने वाली घटना के बाद पूरा देश सड़कों पर उतर आया था।
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