उन्होंने कहा,‘‘वह आपको यह नहीं सिखायेगा कि लैप शॉट कैसे खेलना है या रिवर्स लैप कैसे लगाना है। दुनिया का कोई कोच यह नहीं कर सकता।’’
भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि सफल टी20 बल्लेबाजी कोच बनने के लिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव जरूरी नहीं है। गंभीर का मानना है कि ऐसे कोच का काम खिलाड़ियों को सकारात्मक मानसिकता के साथ खेलने में मदद करना है।
गौतम गंभीर ने स्पोटर्स के शो ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ से कहा,‘‘एक विशेष प्रारूप के लिये अलग से टी20 बल्लेबाजी कोच रख सकते हैं। यह सही नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेले या पर्याप्त क्रिकेट नहीं खेले व्यक्ति सफल टी20 बल्लेबाजी कोच नहीं बन सकते।’’
उन्होंने कहा,‘‘टी20 प्रारूप में एक कोच का काम आपको सकारात्मक मानसिकता देना है ताकि आप स्वाभाविक खेल दिखा सको।’’
गौतम गंभीर का कहना है कि कोई भी बल्लेबाजी कोच आपको शॉट खेलना नहीं सिखाता। उन्होंने कहा,‘‘वह आपको यह नहीं सिखायेगा कि लैप शॉट कैसे खेलना है या रिवर्स लैप कैसे लगाना है। दुनिया का कोई कोच यह नहीं कर सकता।’’
गंभीर ने हालांकि यह कहा कि सफल खिलाड़ी होने से बेहतर चयनकर्ता बनने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा,‘‘सफल कोच बनने के लिये बहुत क्रिकेट खेला होना जरूरी नहीं है लेकिन चयनकर्ता बनने के लिये यह जरूरी है।’’
कोरोनावायरस को देखते हुए पिछले कुछ समय से गेंद पर लार और पसीने को बैन करने की बात चल रही है। इस पर गौतम गंभीर ने हाल ही में कहा था कि सलाइवा ( लार ) का उपयोग प्रतिबंधित करना खेल के संतुलन को और बिगाड़ देगा जो पहले से ही बल्लेबाजी की तरफ झुका हुआ है।
गंभीर ने कहा था, “यह गेंदबाजों के लिए सबसे मुश्किल चीज होगी। आईसीसी को इसके विकल्प के साथ आना होगा। गेंद को चमकाए बिना मुझे नहीं लगता कि बल्ले और गेंद में बराबरी की प्रतिस्पर्धा हो पाएगी।”
उन्होंने साथ ही यह भी कहा था, “अगर वह सलाइवा का उपयोग प्रतिबंधित करते हैं तो उन्हें फिर इसके किसी विकल्प के साथ आना होगा जिससे गेंद को चमकाने में मदद मिले। यह काफी जरूरी है, नहीं तो क्रिकेट देखने में मजा नहीं आएगा।”
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