गाजियाबाद: गैंगरेप मामला निकला फर्जी; दिल दहला देने वाला खुलासा

19 अक्टूबर को गाजियाबाद के आश्रम रोड पर एक महिला बोरे में बंधी हुई मिली थी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। महिला ने खुद को गंभीर बताया।

Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में दो दिन पहले दिल्ली की निर्भया जैसा मामला सामने आने के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया। महिला ने आरोप लगा था कि पांच आरोपियों ने बंधक बनाकर उसके साथ दो दिन तक सामूहिक दुष्कर्म (Gangrape) किया। प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दिए।

पुलिस ने मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए नामजद आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार किया। अब जांच के बाद मामला फर्जी पाया गया है। महिला ने संपत्ति विवाद में अपने दोस्त के साथ ये घिनौनी साजिश रची थी। आईजी रेंज ने मामले का खुलासा करते हुए प्रेसवार्ता की।

सड़क किनारे बोरे में बंधी मिली थी महिला

19 अक्टूबर को गाजियाबाद के आश्रम रोड पर एक महिला बोरे में बंधी हुई मिली थी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। महिला ने खुद को गंभीर बताया। इसके बाद पुलिस ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। महिला ने आरोप लगाया कि पांच आरोपियों ने उसे दो दिन तक बंधक बनाकर रखा। उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दिए। ये कहानी सुनकर पुलिस के होश उड़ गए।

स्वाति मालीवाल ने उठाया था मामला

इस मामले को लेकर दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने लगातार कई ट्वीट किए। उन्होंने दावा तक किया कि महिला के साथ गंभीर अपराध हुआ है। वह अस्पताल में जिंदगी-मौत के बीच लड़ रही है। जब महिला मौके पर मिली तब भी उसके प्राइवेट पार्ट में दो रॉड घुसी हुई थीं। वहीं गाजियाबाद पुलिस ने मामले का मुकदमा दर्ज कर गहनता के साथ जांच शुरू की। महिला की ओर से बताए गए नामजदों में से तीन को गिरफ्तार किया गया।

दो दिन तक अपने दोस्तों के साथ थी महिला

आईजी रेंज मेरठ प्रवीण कुमार ने प्रेसवार्ता में बताया कि जांच में मामला फर्जी पाया गया है। महिला ने संपत्ति विवाद को लेकर पूरी कहानी रची। आईजी ने बताया कि जिस समय महिला ने खुद को बंधक बनाए जाने की बात कही उन दो दिनों तक वह अपने दो दोस्तों के साथ थी। जब महिला सड़क किनारे मिली तो तब भी उसका एक दोस्त (आजाद) उसके साथ ही था। उसने किसी राहगीर से कह कर पुलिस को फोन कराया था।

बताए गए आरोपियों की लोकेशन अलग-अलग मिली

जब पुलिस मौके पर पहुंची तो आजाद मौके से चला गया। इसके बाद पुलिस ने बताए गए आरोपियों की सर्विलांस के माध्यम से लोकेशन निकाली तो सभी अलग-अलग स्थानों पर मिले। वहीं महिला और उसके दोस्त आजाद के फोन की लोकेशन निकाली तो एक साथ मिली। आईजी ने बताया कि महिला के दोस्त ने इस मामले को सोशल मीडिया पर वायरल करने के लिए एक युवक को पैसे भी दिए थे।

दुष्कर्म की पुष्टि नहीं, खुद डाला लोहे का तार

इसके बाद महिला ने अस्पताल में अपना मेडिकल कराने से इनकार कर दिया। डॉक्टरों ने जब गहनता से जांच की तो पता चला कि महिला के शरीर पर कोई भी अंदरूनी या बाहरी चोट नहीं थी। इतना ही नहीं महिला के साथ दुष्कर्म भी नहीं हुआ था। आईजी ने दावा किया कि डॉक्टरों द्वारा बताया है कि महिला के प्राइवेट पार्ट में एक लोहे का तार मिला है, जो उसने खुद डाला था।

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