राकेश टिकैत के गांव मुजफ्फरनगर में आज महापंचायत होनी है, उसमें किसान आंदोलन को लेकर कोई बड़ा फैसला किया जाएगा.
गाजीपुर बॉर्डर: गाजीपुर बॉर्डर स्थित किसानों के धरनास्थल (Farmers Agitation) पर गुरुवार सुबह से शुरु हुआ हाईवोल्टेज ड्रामा शुक्रवार को भी जारी है. भारी-भरकम सुरक्षा बंदोबस्त से ऐसा लग रहा था कि किसानों का धरना हर हाल में गुरुवार रात को समाप्त करा लिया जाएगा. यह अलग बात है कि किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के रोने से स्थिति पलटती नजर आई है. देर रात पीएसी समेत अचानक सुरक्षाकर्मियों को हटा लिया गया है. फिलहाल बॉर्डर पर सभी पीएसी जवानों को क्यों हटाया गया है, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आ पाई है. हालांकि सुरक्षाकर्मियों द्वारा कहा गया कि सुबह से ड्यूटी पर तैनात थे, अब जाने के लिए बोला गया है.
आंसू ने बदला माहौल
राकेश टिकैत के रोने और अनशन पर बैठने के बाद अपने गांव के पानी की मांग ने माहौल बदलने का काम किया है. राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद उनके इलाके के किसानों के जत्थे देर रात गाजीपुर के लिए निकल लिए थे. आसपास के किसानों का हुजूम भी धरना स्थल पर इक्ट्ठा होने लगा था. एक तरह से देखा जाए तो दबाव में जो किसान बोरिया बिस्तर समेट रहे थे, वह फिर से जुटने लगे. यही नहीं राकेश टिकैत के गांव मुजफ्फरनगर में आज महापंचायत होनी है, उसमें किसान आंदोलन को लेकर कोई बड़ा फैसला किया जाएगा.
किसान हटे और फिर जुटना शुरू हो गए
इस ड्रामे के बीच टिकैत की तबीयत भी खराब हुई. बॉर्डर पर उन्हें देखने के लिए डॉक्टर की एक टीम भी पहुंची. फिलहाल उनकी हालत सामान्य बताई जा रही है. दूसरी ओर, बॉर्डर पर बैठे किसानों के मन में कई सवाल बने हुए हैं. किसानों ने खुद अपने टेंट हटाना भी शुरू कर दिया है, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्यों हटाया जा रहा है तो कहा कि बाहर हवा लगती है, इसलिए फ्लाईओवर के नीचे जा रहे हैं.
राकेश टिकैत ने लगाया योगी सरकार पर हत्या कराने का आरोप
किसान भी लगातार रणनीति बनाने में लगे हुए हैं, फिलहाल गजीपुर बॉर्डर को चारो ओर से बंद कर दिया गया है, दिल्ली से नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ जाने वाले रास्तों को डाइवर्ट कर दिया गया है. राकेश टिकैत ने अपने करीबियों से बातचीत करना शुरू कर दी है, हर विषय पर चर्चा की जा रही है. गुरुवार देर रात पुलिस ने टिकैत से बात भी की और उनको धरना स्थल छोड़ने का आदेश भी दिया, लेकिन स्टेज पर ही राकेश टिकैत ने प्रशासन पर दमन का आरोप लगाया. राकेश टिकैत ने कहा, गिरफ्तारी के नाम पर मेरी हत्या की साजिश रची गई. विधानसभा लखनऊ के नाम का पास लगी गाड़ियों में हथियारबंद गुंडे धरना स्थल पर भेजे गए. मैं आत्महत्या कर लूंगा, लेकिन बिल वापसी बगैर धरने से नहीं हट सकता.
पसरा है तनाव भरा सन्नाटा
गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद से गजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसानों में तनाव की स्थिती बनी हुई थी. बॉर्डर होने के कारण दिल्ली पुलिस और गाजियाबाद पुलिस प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए भारी सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया था. हालांकि रात डेढ़ बजे तक बॉर्डर से सभी वरिष्ठ अधिकारी जा चुके हैं, वहीं अब सुरक्षाकर्मियों को भी हटा लिया गया है. दोपहर बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि बॉर्डर पर कुछ बड़ा होने वाला है, लेकिन फिलहाल स्थिति सामान्य नजर आ रही है.
Farmers at Ghazipur border (Delhi-Uttar Pradesh) continue sit-in protest against the Centre's #FarmLaws pic.twitter.com/0W8Kz8i1OH
— ANI (@ANI) January 29, 2021
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