प्रमोटर्स बैंकों द्वारा एनपीए घोषित किए जाने से पहले दिवालियापन के लिए गो फर्स्ट सबमिट करके नियंत्रण में रह सकते हैं.
वाडिया ग्रुप इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के नियमों से छूट की मांग कर सकता है, जो प्रमोटरों को अपनी कंपनियों के लिए बोली लगाने से रोकते हैं क्योंकि बैंकों के साथ कैश-स्ट्रैप्ड कैरियर का खाता अभी भी स्टैंडर्ड के रूप में चिह्नित है. डिफॉल्टर्स को IBC की धारा 29A के तहत एक दिवालिया कंपनी के लिए एक रिजॉल्यूशन प्लान जमा करने से रोका जाता है, अगर वे 12 महीने से अधिक समय तक बैंकों के डिफॉल्ट में रहे हैं और खाते को नॉन-परफेर्मिंग (NPA) संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
उधारकर्ताओं के बीच वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए उनकी कंपनियों के दिवालिया होने के बाद डिफॉल्टर्स को अपनी कंपनियों पर नियंत्रण हासिल करने से रोकने के लिए ऐसे नियम पेश किए गए थे. इन नियमों ने एस्सार, वीडियोकॉन और भूषण पावर और भूषण स्टील जैसे कई बड़े कॉरपोरेट घरानों को अपनी कंपनियों पर नियंत्रण हासिल करने से रोक दिया.
याचिका में गो फर्स्ट ने कही थी ये बात
सूत्रों के मुताबिक, एयरलाइन कारोबार के भविष्य के पाठ्यक्रम पर चर्चा करने के लिए वेंडर, पट्टादाताओं और ट्रैवल एजेंटों जैसे परिचालन लेनदारों से जानकारी मिल रही है कि अगर प्रमोटर्स कटौती करने को तैयार हैं तो वे दिवाला याचिका वापस ले सकते हैं. एयरलाइन ने अदालत के समक्ष अपनी याचिका में कहा कि सभी लेनदारों के लिए उसकी कुल देनदारी 11,463 करोड़ रुपए थी, जिसमें बैंकों, वित्तीय संस्थानों, विक्रेताओं और विमान पट्टेदारों का बकाया भी शामिल है. इसमें से वित्तीय संस्थानों की बकाया राशि 6,521 करोड़ रुपए है.
प्रमोटर्स ने पहले इक्विटी बाजार से संपर्क किया, फिर ऋण बाजार और अब यह अंतिम प्रयास है ताकि लेनदारों को कटौती करनी पड़े, जिससे एयरलाइन का कर्ज कम हो जाए. क्योंकि विडिया ग्रुप एयरलाइन कारोबार में रहना चाहता है.
एयरलाइन छोड़ने की कोई योजना नहीं
सीईओ कौशिक खोना ने बुधवार को कहा था कि मालिकों की एयरलाइन छोड़ने की कोई योजना नहीं है. वाडिया ग्रुप का एयरलाइंस से बाहर निकलने का कोई इरादा नहीं है. हालांकि, पट्टेदारों का कहना है कि वे ग्रुप द्वारा उठाए गए कदम से सावधान थे और कंपनी के साथ व्यापार जारी नहीं रखना चाहेंगे. आठ पट्टेदारों ने एयरलाइन के 23 विमानों का पंजीकरण रद्द करने के लिए विमानन नियामक डीजीसीए से संपर्क किया है.
एसएमबीसी कैपिटल एविएशन, जीएएल, सीडीबी एविएशन, सोनोरन एविएशन कंपनी और एमएसपीएल एविएशन सहित कई लीजर्स जिन्होंने गो फर्स्ट को विमान किराए पर लिया है. उन्होंने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से आग्रह किया कि विमान जैसी संपत्तियों के कब्जे पर रोक न लगाई जाए.
Today's campaign begins with a massive rally in Mudbidri. BJP's vision is to make Karnataka the growth engine of India. https://t.co/9KaLASTsHY
— Narendra Modi (@narendramodi) May 3, 2023
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