Google जन्मदिन विशेष: इन 5 मौकों पर हम इंडियन कहते हैं ‘गूगल करो ना’

दुनिया का सबसे बड़ा सर्च ईंजन गूगल (Google) आज अपना 19वां जन्मदिन मना रहा है. अगस्त 1998 में गूगल को पहला निवेश एक लाख डॉलर मिला था, जिसका भुगतान Google Inc को किया गया था। अब Google Inc अस्तित्व में नहीं है। इन 19 साल में गूगल ने इंसान की जिंदगी को आसान बना दिया है. आलम यह है कि हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अक्सर एक दूसरे को कहते हैं- ‘गूगल करो ना’ गूगल के जन्मदिन में पर हमने अपनी जिंदगी के 5 ऐसे पल तलाशे हैं, जब आम बोलचाल में लोगों को ये बातें कहते हैं और उन्हें खुद भी अपनाकर जिंदगी की छोटी-मोटी मुश्किलों को आसान बनाते हैं.

रास्ता दिखाता है गूगल: जब से गूगल ने अपना ऐप गूगल मैप लांच किया है तब से यह सर्च ईंजन लोगों को रास्ता भी बताने लगा है. अक्सर जब कभी हमें कहीं जाना होता है तो सबसे पहले दिमाग में आता है कि हम उसका रास्ता पता करें. पहले हम अपने परिचितों को तलाशते थे, जो रास्ते के बारे में बता सकें, लेकिन अब यह दौर बदल चुका है. जब कभी में किसी नए रास्ते पर जाना होता है तो गूगल पर जाते हैं. गूगल के जरिए ही दुनिया भर में टैक्सी और ऑटो चल रहे हैं.

कहां खाएं खाना: आप किसी मार्केट में खड़े हों, या किसी अनजान शहर में गए हों. खाने की अच्छी जगह तलाश रहे हों. ऐसे में झट से हम गूगल पर जाते हैं और नजदीकी रेस्टोरेंट, होटल, गेस्ट हाउस के बारे में पता कर लेते हैं. यहां हमें बजट के हिसाब से खाने की जगह मिल जाते हैं.

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खबर लेते हैं खबर देते हैं: गूगल के आने के बाद एक आम इंसान की खबरों के लिए अखबार, टेलीविजन और रेडियो पर निर्भरता लगभग खत्म हो चुकी है. हम सबको दुनिया की कोई भी खबर जाननी होती है तो बस गूगल पर जाते हैं और उस जगह का नाम टाइप करते ही वहां की सारी खबरें पता चल जाती हैं. साल 2001 की बात है अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टॉवर पर हमला हुआ था. दुनिया भर के लोग इसके बारे में जानने के लिए गूगल पर पहुंचे थे, लेकिन यहां भी कोई जानकारी नहीं थी. इसके बाद गूगल पर न्यूज सेवा भी शुरू कर दी गई. आज आलम यह है कि दुनिया में कहीं भी कुछ हो जाए, हमें गूगल पर सारी जानकारी मिल जाती हैं.

Google कब गुरु बन गया पता ही नहीं चला: पहले हमें कुछ भी पढ़ना होता तो हम उसकी किताब ढूंढ कर लाते थे, या किसी जानकार से इस बारे में पूछते थे, लेकिन अब गूगल ही हमारा गुरु हो गया है. उदाहरण के तौर पर पहले हमें किसी शब्द का अर्थ समझना होता तो हम डिक्शनरी का सहारा लेते थे, लेकिन अब गूगल पर जाते हैं. इसी तरह दुनिया की लगभग किसी भी विषय वस्तु के बारे में जानने के लिए हम झट से गूगल पर उस शब्द को टाइप करते हैं या गूगल वायस पर बोलते हैं.

जरूरी फोन नंबर और पता: पहले हमें ट्रेन, फ्लाइट, बस आदि की टाइमिंग जाननी होती होती एयरपोर्ट, बस अड्डा या रेलवे स्टेशन पर जाना पड़ता था. किसी दफ्तर कंपनी, संस्था आदि का पता या संपर्क नंबर जानने के लिए फिजिकली वहां जाना पड़ता था. गूगल पर लगभग ऑफिसों की जानकारियां मौजूद है.

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