GST दरों में बदलाव: अब सिर्फ 50 वस्तुओं पर ही 28 फीसदी टैक्स

GST काउंसिल में GST नेटवर्क के पैनल के प्रमुख सुशील मोदी ने कहा कि रोज़मर्रा के इस्तेमाल की शैम्पू, डियोडरेंट, टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम, आफ्टरशेव लोशन, जूतों की पॉलिश, चॉकलेट, च्यूइंग गम तथा पोषक पेय पदार्थ जैसी वस्तुएं अब सस्ती हो जाएंगी.
GST काउंसिल की 23वीं बैठक में उन सुझावों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, जो असम के वित्तमंत्री हिमांता विश्व शर्मा के नेतृत्व वाले एक पैनल ने की हैं. एयरकंडीशन्ड रेस्तरांओं में परोसे जाने वाले भोजन पर भी GST को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने पर फैसला इसी बैठक में किया जा सकता है.

काउंसिल हर माह तीन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अनिवार्यता की भी समीक्षा कर रही है, ताकि रिटर्न फाइल किए जाने की प्रक्रिया को टैक्सपेयर-फ्रेंडली बनाया जा सके.

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इसी सप्ताह संकेत दिया था कि 28 फीसदी वाले स्लैब से कुछ वस्तुओं को हटाया जा सकता है. उन्होंने यहां तक कहा था कि कुछ वस्तुओं को इस स्लैब में रखा ही नहीं जाना चाहिए था. उन्होंने कहा था, “हम धीरे-धीरे उन्हें निचले स्लैब पर लाते रहे हैं… हमारा मानना है कि जब आपका राजस्व कलेक्शन बेअसर होने लगे, हमें उसमें काट-छांट करनी ही चाहिए, और इसी तरीके पर काउंसिल अब तक चलती रही है… जहां तक काउंसिल का सवाल है, मैं इसी को भविष्य के लिए गाइडलाइन भी मानता हूं…”
जिस वक्त 1 जुलाई को नई टैक्स व्यवस्था लागू हुई थी, उसी वक्त से GST काउंसिल की बैठक हर माह होती रही है, और अब तक 100 से ज़्यादा बार टैक्स की दरों में बदलाव किया जा सका है. GST के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर चार अलग-अलग स्लैबों – 5, 12, 18 तथा 28 फीसदी – के हिसाब से कर लगाया जाता है.

GST काउंसिल की आज हो रही बैठक सरकार द्वारा GST को लागू किए जाने की कड़ी आलोचना के बीच हो रही है. आज़ादी के बाद सबसे बड़े कर सुधार के रूप में प्रचारित किए गए GST को लेकर विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि इसे लागू किए जाने के समय और तरीके की वजह से छोटे व्यापारियों तथा व्यवसायों की कमर टूट गई है.

पुदुच्चेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल तथा कर्नाटक के कृषिमंत्री कृष्णबायरे गौड़ा सहित कई कांग्रेस नेताओं ने गुवाहाटी के उस होटल के बाहर विरोध-प्रदर्शनों का नेतृत्व किया, जहां GST काउंसिल की बैठक हो रही है, तथा आरोप लगाया कि सिर्फ पांच राज्यों को छोड़कर शेष सभी को GST शुरू किए जाने के बाद राजस्व का घाटा हुआ है.

कांग्रेस ने BJP के नेतृत्व वाली सरकार पर उनकी चेतावनियों को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया है, और यह भी कहा है कि सरकार अब समीक्षा के लिए केवल इसलिए तैयार हो गई है, क्योंकि अगले महीने गुजरात में अहम विधानसभा चुनाव होने हैं, जहां छोटा व्यापारी नई टैक्स व्यवस्था से नाराज़ है.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात में धुआंधार अभियान के तहत GST को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ की संज्ञा दी थी और राज्य के व्यापारियों से आग्रह किया था कि वे इस बार के चुनाव में BJP को खारिज कर दें, जो पिछले 22 साल से राज्य में सत्तासीन है. कांग्रेस नेता ने कहा था नोटबंदी और GST ‘दो टॉरपीडो’ हैं, जिन्होंने ‘अर्थव्यवस्था को नष्ट’ कर दिया है.

उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में की अपनी जनसभाओं में नोटबंदी और GST से होने वाले दीर्घावधि फायदों पर ज़ोर दिया, और कहा कि जो इन दोनों कदमों का विरोध कर रहे हैं, वे भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी लड़ाई को कमज़ोर कर रहे हैं.

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