जीएसटी में सरकार कंपोजिट स्कीम के तहत करदाताओं को बड़ी राहत दे सकती है. दिल्ली में आयोजित मंत्री समूह की बैठक के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ये जानकारी दी है कि इस कंपोजिट स्कीम के तहत होटल रेस्टोरेंट, मैन्युफैक्चरों और ट्रेडर्स को फायदा हो सकता है.
असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्वशर्मा की अध्यक्षता में आयोजित मंत्री समूह ने कर में राहत देने की अनुशंसा की है, लेकिन अंतिम फैसला 10 नवंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जाएगा.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बैठक में कंपोजिट स्कीम की सीमा 1 करोड़ से बढ़ा कर डेढ़ करोड़ करने के साथ ही कंपोजिट में शामिल मैन्युफैक्चर्स को सकल बिक्री पर 2 की जगह 1 प्रतिशत, रेस्टोरेंट के लिए 5 की जगह 1 प्रतिशत और ट्रेडर्स के लिए 1 की जगह 0.5 प्रतिशत कर भुगतान का सुझाव दिया गया है. वहीं कम्पाउंडिंग डीलर को जो कर मुक्त माल की बिक्री पर कोई टैक्स नहीं देते हैं, उन्हें कर युक्त माल की बिक्री पर 1 प्रतिशत कर भुगतान की अनुशंसा की गई है.
कम्पाउंडिंग स्कीम में शामिल मैन्युफैक्चर्स और ट्रेडर्स को अंतर राज्य बिक्री की अनुमति देने का सुझाव दिया गया है. सभी तरह की एसी और नॉनएसी रेस्टोरेंट पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ 12 फीसद और फाइव स्टार होटलों के लिए 18 प्रतिशत टैक्स दर की अनुशंसा के साथ ही सभी प्रकार के करदाताओं को मासिक कर भुगतान और त्रैमासिक विवरणी दाखिल करने का सुझाव दिया गया है.
मंत्री समूह ने रिटर्न एचएसएन कोड और इनवॉयस मैचिंग की सरलीकरण की, जहां अनुशंसा की है, वहीं विलंब से विवरणी दाखिल करने वालों के लिए विलंब शुल्क की राशि को प्रतिदिन 200 रुपये से घटा कर 50 रुपये करने का सुझाव दिया है.
आईडिया टीवी न्यूज
गौरव तिवारी
एडीटर इन चीफ