चुनाव में फिसल रही नेताओं की जुबान, दी सफाई

राजकोट. एक्टर और भाजपा सांसद परेश रावल ने रजवाड़ों की तुलना बंदरों से करने के अपने विवादास्पद बयान पर सफाई दी है। रावल ने कहा कि उन्होंने राजपूतों को नहीं, बल्कि बंदर की तरह उछल कर पाकिस्तान की गोद में बैठ जाने वाले हैदराबाद के निजाम को लक्ष्य कर ऐसा कहा था। इसके बावजूद अगर उनके बयान से राजपूत समाज की भावना को जरा भी ठेस पहुंची है तो उन्हें इसके लिए खेद है और माफी मांगते हैं।

रावल ने शनिवार रात भाजपा के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में कहा था कि सरदार पटेल ने देश को एक करने के लिए बंदर जैसे रजवाड़ों को एक कर दिया था। इसके तत्काल बाद पद्मावती फिल्म के व्यापक विरोध के चलते चर्चा में आई राजपूत करणी सेना ने उनका पुतला जलाने के कार्यक्रम की घोषणा कर दी। मगर परेश रावल ने तुरंत संवाददाता सम्मेलन बुला कर स्पष्टीकरण दे दिया। उन्होंने कहा कि राजपूत देश के गौरव हैं और उनके बारे में वह ऐसा बयान दे ही नहीं सकते।

विदेश से आयात कर भारत में बोया गया पागल (जंगली) बबूल इस देश की पैदावार नहीं है। सुरेन्द्रनगर में रूपाला ने कहा कि जहां जाओ वहीं अड़ंगा डालने वाले इस बबूल (पागल) को देश की सत्ता नहीं सौंपी जा सकती। उन्होंने बिना नाम लिए सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेसी मिजाज वाले इस बबूल को जितना काटो उतना ही मोटा होता है। सुरेन्द्र नगर के मेगा मॉल में भाजपा कार्यालय के उद्घाटन के दौरान आयोजित जनसभा में सांसद पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि 1995 में गुजरात का बजट 10 हजार करोड़ था पर इस साल 141 लाख करोड़ का है। बजट की टपकती मधु को लंबी जीभ से चाटने के लिए कांग्रेस उतावली हो रही है। इतना ही नहीं 20-22 से बिना सत्ता के उपवास कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पापों को धोने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी में सुरेन्द्र नगर शहर में भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में जनसभा आयोजित की गई थी। सभा को संबोिधत करते हुए वढवाण सीट की मौजूदा विधायक वर्षाबेन दोशी की जुबान भी फिसल गई। उन्होंने कहा कि कमल को वोट दोगे तो पाप लगेगा। यह सुनकर मंच व सभा में मौजूद लोग हंस पड़े।

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