हरियाणा में गठबंधन की सरकार में मनोहर लाल की नई फौज बनने को तैयार है। दिग्गज मंत्रियों के हारने के बाद सरकार में आए नए चेहरों की लॉटरी लगना तय है। इस बार सरकार में पहली बार के विधायकों की भी किस्मत खुल सकती है। जबकि छह बार विधायक रहे अनिल विज का मंत्री बनना तय है। वहीं, जजपा के राम कुमार गौतम और ईश्वर सिंह उन संभावितों में से हैं जिन्हें हरियाणा सरकार में मंत्री पद मिलने की संभावना है।
इस बार मंत्रियों में सिर्फ अनिल विज और बनवारी लाल ही मंत्री के तौर पर सरकार की लाज बचाने में कामयाब हुए हैं। भाजपा के जीतने वाले विधायकों में विज सबसे ज्यादा वरिष्ठ हैं। उनके बाद घनश्याम सर्राफ का नंबर आता है। हालांकि पिछली सरकार में घनश्याम सर्राफ को भाजपा ने नकार दिया था। इस बार घनश्याम सर्राफ का नंबर लगेगा या नहीं यह कहना मुश्किल है, लेकिन वरिष्ठता के क्रम में इस बार मुख्यमंत्री के बाद अनिल विज को रखना सरकार की मजबूरी होगी।
खेल कोटे से चुनकर आए विधायकों में हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह की भी लॉटरी लग सकती है। जबकि नांगल चौधरी से लगातार दूसरी बार विधायक बने पूर्व आईएएस अभय सिंह यादव को भी मंत्री पद हासिल हो सकता है। अभय यादव को प्रशासनिक अनुभव है और साथ ही वे दूसरी बार चुनकर आए विधायक हैं। पंजाबी कोटे से थानेसर विधायक सुभाष सुधा और सीमा त्रिखा में से एक मंत्री बनने की लाइन में हैं।
हरियाणा में इस बार निर्दलीय विधायकों को भी सरकार को साधना पड़ेगा। लिहाजा एक दो निर्दलीय को भी मंत्री पद देना पड़ेगा। 2014 की विधानसभा में अध्यक्ष पद पर रहे कंवरपाल गुर्जर की भी मंत्री बन सकते हैं। पिछली सरकार में भी वे मंत्रीपद की लालसा रखे हुए थे, लेकिन उन्हें स्पीकर पद की जिम्मेदारी दे दी गई।
जाट चेहरों में से कौन बनेगा मंत्री : सुभाष बराला, कैप्टन अभिमन्यु व ओम प्रकाश धनखड़ चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में महिपाल ढांडा, कमलेश ढांडा, जेपी दलाल और प्रवीण डागर जीते हैं। इनमें से एक चेहरे को मंत्री बनाना मजबूरी होगी क्योंकि यह पार्टी के टिकट पर जीत कर आए हैं।