सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज कुछ याचिकाओं पर फैसला सुनाए जाने की संभावना है, जिनमें हाथरस मामले की अदालत की निगरानी में जांच कराने और मामले को दिल्ली स्थानांतरित कराने का अनुरोध किया गया है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने एक जनहित याचिका और कार्यकर्ताओं तथा वकीलों की ओर से दायर कई अन्य हस्तक्षेप याचिकाओं पर 15 अक्तूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिकाओं में दलील दी गई थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि कथित तौर पर जांच बाधित की गई। पीड़त परिवार की ओर से पेश वकील ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि इस मामले में जांच पूरी होने के बाद सुनवाई को उत्तर प्रदेश के बाहर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थानांतरित कर दिया जाए।
हाथरस जिले में चार सवर्णों ने 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया था। उपचार के दौरान दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर को लड़की की मौत हो गई। उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने उत्तर प्रदेश में मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं होने की आशंका प्रकट की थी।
बता दें कि हाथरस के बूलगढ़ी गांव मे कथित गैंगरेप की सीबीआई जांच सोमवार को भी जारी रही। टीम सबसे पहले घटना स्थल पहुंची और अधिकारियों ने घटनास्थल से थोड़ी सी मिट्टी को लिया। इसके बाद टीम थाना चंदपा आ गई। यहां चंदपा के तीन युवकों को थाने बुलाकर पूछताछ की।
सीबीआई की जांच तेजी से चल रही है। चौदह दिन से टीम हाथरस में ही रुककर जांच पड़ताल में जुटी है। सोमवार को सीबीआई की टीम करीब पौने ग्यारह बजे गांव बूलगढ़ी से पहले घटना स्थल पर पहुंच गयी। काफी देर तक टीम के दो सदस्य घटना स्थल पर आपस में मंत्रणा करते रहे। उसके बाद टीम ने खेत से मिट्टी ली और वापस चंदपा कोतवाली आ गयी।
Spain's intensive care wards (ICUs) could reach a "critical situation" by mid-November as the country emerges as one Europe's worst #COVID19 hot spots says #Spain's emergency health chief Fernando Simon pic.twitter.com/ASK1rjkRJ7
— DD News (@DDNewslive) October 27, 2020
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