हाथरस कांड को लेकर सीबीआई एक्शन में आ गई है। सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में हाथरस कांड की सुनवाई के बाद मंगलवार सीबीआई घटनास्थल का दौरा करने पीड़िता के गांव पहुंच गई है। सीबीआई के साथ फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल का मुआयना करने आई है। सीबीआई के पहुंचने से पहले ही पुलिस की टीम मौका ए वारदात पर पहुंच गई थी। फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है।
#हाथरस पीड़िता की मां की तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा है उनके साथ उनके परिवार के दो सदस्य भी हैं।
पीड़िता के पिता की तबीयत खराब होने की सूचना मिलने पर हाथरस के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पीड़िता के घर गए।#UttarPradesh https://t.co/bhjG5okdGX pic.twitter.com/SKHZVls6GJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 13, 2020
लाइव अपडेट्स:
– सीबीआई की टीम पीड़िता के भाई को साथ लेकर क्राइम सीन पर जांच कर रही है।
सीबीआई के साथ फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल का मुआयना करने पहुंची।
– करीब 15 अफसर के साथ सीबीआई की टीम घटनास्थल पर पहुंची। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात।
#HathrasIncident victim's brother brought to the incident site where Central Bureau of Investigation team is carrying out investigation. https://t.co/EZl911pXvV
— ANI UP (@ANINewsUP) October 13, 2020
बता दें कि बीते शनिवार को सीबीआई ने हाथरस कांड की जांच अपने हाथ में ले ली। अब तक सीबीआई ने स्थानीय पुलिस स्टेशन से केस से जुड़े कागजात इकट्ठे कर लिए हैं। इससे पहले मामले में प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी की पूछताछ भी चल रही है, जिसे दस दिन का एक्सटेंशन मिला था।
वहीं, मंगलवार को पीड़िता के पिता की अचानक तबियत बिगड़ गई। सूचना मिलते ही स्वास्थ विभाग के डॉक्टर गांव पहुंच गए।सीएमओ ब्रजेश राठौर ने बताया कि पीड़िता के पिता का अचानक बीपी बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि अगर हालत काबू में नहीं आए तो उन्हें जिला अस्पताल ले जाना पड़ेगा।
सीबीआई के सामने इन सात सवालों को सुलझाने की होगी चुनौती
12 दिन से इस केस की एसआईटी जांच कर रही है। एक पखवाड़े में तमाम पहलुओं और कोणों पर जांच चल रही है। रोज नए खुलासों और आरोप-प्रत्यारोप के बीच उलझनें बढ़ रही है। इन हालात में सीबीआई के सामने सात सबसे अहम सवाल सुलझाने का जिम्मा होगा, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।
1-क्या हुआ था 14 सितंबर की सुबह नौ बजे बाजरे के खेत में
घटनावाले दिन पीड़िता के साथ क्या हुआ। खेत में बाजरा काटने के दौरान बेबस और लाचार युवती के साथ किसने जघन्य वारदात को अंजाम दिया। किसने उसकी गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर जहरे जख्म दिए। कौन-कौन मौजूद था उस समय। पीड़िता के कौन-कौन परिजन वहां मौजूद थे। आरोपी कहां थे। यह सबसे बड़ा रहस्य है, जिससे पर्दा हटना है।
2-किसके परिजन सच बोल रहे हैं। पीड़ित के या आरोपियों के
इस मामले में आरोपी और पीड़िता पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। पीड़िता पक्ष का कहना है कि आरोपियों ने युवती के साथ दुष्कर्म कर गहरी चोटें पहुंचाई है। उधर, आरोपी के परिजन शक की सुई पीड़िता के परिजनों की तरफ उठा रहे हैं। उनका कहना है कि उस दिन आरोपी गांव में थे ही ही। बहरहाल परिजनों की सच्चाई से भी सीबीआई को पर्दा उठाना है। पूरे इलाके को भी इसका इंतजार है।
3-घटनावाले दिन आरोपियों की लोकेशन कहां पर थी
यह सबसे अहम है। पीड़िता के परिजनों ने चार लोगों पर आरोप लगाए हैं, जबकि उनके परिजन कह रहे हैं कि वे या तो घटनास्थल पर नहीं थे अथवा अपने काम पर थे। यहां यह पता लगाना बहुत जरूरी है कि उस समय चारों लोगों की लोकेशन कहां थी। इसके साथ ही पीड़िता के भाई और परिजनों की भी लोकेशन पता लगाने की मांग आरोपी के परिजन कर रहे हैं। सीबीआई को इससे काफी जवाब मिलने की उम्मीद है।
4-पीड़िता के भाई और आरोपी की सीडीआर का क्या है सच
कुछ दिनों पहले लीक सीडीआर में पीडि़ता के भाई और मुख्य आरोपी के बीच पांच माह में 104 बार फोन पर बात हुई है। जबकि भाई कह रहा है कि उसकी कोई बात नहीं होती थी। सवाल उठता है कि फिर बात किसकी होती थी। कोई तो है जिससे मुख्य आरोपी की बात होती थी। इस रहस्य से पर्दा उठेगा तो बहुत से सवालों के जवाब अपने आप ही मिल जाएंगे।
5-आखिर 14 से 22 सितंबर तक लड़की ने रेप की बात क्यों नहीं बताई
इस पहेली की भी जांच कराई जाएगी कि आखिरकार आठ दिनों तक युवती ने रेप की बात क्यों नहीं पताई, जबकि चंदपा थाने के बाहर उसने एक लोकल चैनल को दी बाइट में मारपीट आदि की बात कही। सवाल यह उठता है कि आठ दिनों तक गैंगरेप की बात बाहर क्यों नहीं आई। पीड़िता के परिजन कह रहे हैं कि लड़की की जीभ में चोट लगी थी। आरोपी के परिजन कह रहे हैं कि लड़की पहले दिन से बोल रही थी।
6-पीड़िता और आरोपी के परिवारों के बीच क्या चल रही थी कोई रंजिश
सीबीआई के लिए यह भी जांच के बिंदुओं में से अहम है। क्या दोनों परिवारों के बीच कोई रंजिश थी। गांववालों की माने तो पांच माह पहले दोनों परिवार में कुछ विवाद हुआ था। विवाद के पीछे भी गांववाले कई कारण गिना रहे हैं। रंजिश के एंगल पर सीबीआई की अहम नजर होगी। हालांकि पीड़िता के परिजन रंजिश की बात से इंकार करते हैं।
7-क्या जातीय दंगे भड़काने की साजिश थी
सीबीआई इस पर भी पड़ताल करेगी कि इस कांड की आड़ लेकर क्या वास्तव में पूरे इलाके को दंगे की आग में झोंकना था। यह भी देखा जाएगा कि 14 से 29 सितंबर तक लड़की के परिजनों से मिलने गांव और अस्पताल मिलने कौन-कौन आया। किसने क्या बयान दिए। जो लोग आए उनका बैक ग्राउंड क्या था, क्योंकि यह बात भी निकलकर आ रही है कि इस मामले को जबरदस्ती राजनीतिक रंग दिया गया है।
Police personnel deployed at #HathrasIncident site ahead of Central Bureau of Investigation team's arrival. pic.twitter.com/1qm4tWcqnU
— ANI UP (@ANINewsUP) October 13, 2020
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