सेहत का खजाना बैंगन-किसी वरदान से कम नहीं है

बैंगन का भुर्ता, भरवां बैगन, कश्मीरी खट्टे बैंगन, खसखस बैंगन, बेगुनी जैसे तमाम व्यंजन अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुके हैं।विटामिन्स से भरपूर बैंगन कैंसर से लेकर वजन कम करने में भी काम आता है।व्यक्तिगत तौर पर मुझे बैंगन बहुत पसंद है।

पोषणबतौर सब्जी लगभग हर हिन्दुस्तानी रसोई में इसका इस्तमाल होता है। इसके फल के कई नायाब औषधीय गुण भी हैं। अलग अलग आकार और बैंगनी, हरा, सफेद और नीले रंगों में दिखाई देने वाला बैंगन हमारी सेहत से जुड़ी अनेक समस्याओं के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है। अंग्रेजी भाषा में एग्ग प्लांट या ब्रिंजल के नाम से प्रचलित फलों में बेहद अल्प मात्रा में कैलोरी पायी जाती है इसी वजह से इसे सेहत के लिए चिंतित रहने वालों के लिए वरदान सा माना गया है। बैंगन में कई तरह के खनिज लवण के अलावा कई महत्वपूर्ण रसायन जैसे विटामिन A,विटामिन B1, B2, B3,कैल्शियम और लौहतत्व आदि प्रचुरता से पाए जाते हैं।

पोटेशियम और फाइबर्स की उपस्थिति के कारण इसे सेहत से भरपूर माना जाता है। कैंसर से लेकर, उच्च रक्तचाप, कॉलेस्ट्राल और डायबिटिस के रोगियों के लिए बैंगन एक बेहद खास औषधि भी है। इस सप्ताह हम अपने पाठकों को बैंगन से जुड़ी ऐसी ही नायाब जानकारियों को साझा करने जा रहे हैं। वजन कम होना बैंगन में प्रचुर मात्रा में डायटरी फाईबर्स पाए जाते हैं जो उन लोगों के लिए बेहद जरूरी है जो वजन कम करने की सोच रहे हैं। फाइबर्स एक प्रकार से ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो अपेक्षाकृत भारी और पेट में ज्यादा स्थान घेरने में सक्षम होते हैं।

इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बैंगन के सेवन के बाद फाइबर्स की मात्रा पेट में पहुंचती है और भूख को शांत करने का भी कार्य करती है। इसके सेवन से जहां एक ओर ज्यादा से ज्यादा फाइबर्स हमारे शरीर में पहुंचते हैं वहीं कैलोरी की मात्रा भी कम होती है। भोजन से ठीक पहले अधकचे बैंगन के साथ सलाद और हरी भाजियों का भी सेवन किया जाए तो आहिस्ता आहिस्ता वजन में घटोतरी देखी जा सकती है। कैंसर आधुनिक शोध परिणामों पर गौर किया जाए तो जानकारी मिलती है कि इसके सटीक इस्तेमाल से कैंसर जैसे भयावह रोग से भी काफी हद तक लड़ा जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले फाइबर्स की वजह से कोलोन कैंसर की स्थिति में इसे बेहद कारगर माना जाता है। कोलोन के पास स्त्रावित होने वाले घातक टॉक्सिन्स और रसायनों को अवशोषित करने में ये फाइबर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

सामान्यत: कोलोन के पास इन्ही टॉक्सिन्स और घातक रसायनों के जमावड़े से ही कैंसर के हालात बनते हैं। वे लोग जो भविष्य में इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं उन्हें निश्चित तौर पर बैंगन को अपने खान-पान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाना चाहिए। खास तौर पर बैंगन की त्वचा यानि बाहरी दीवार का सेवन अति आवश्यक है क्योंकि आधुनिक शोध बताती हैं कि इसके छिलके में सबसे ज्यादा फाइबर्स पाए जाते हैं। त्वचा की देखभाल शरीर की त्वचा का बहुत बड़ा हिस्सा पानी को समाहित किए होता है और त्वचा और शरीर में पानी की पर्याप्त उपलब्धता त्वचा पर साफ देखी जा सकती है। निखरी और तेजवान त्वचा शरीर में पानी और खनिज लवणों के अनुपात के संतुलन को दर्शाती है।

जिन लोगों की त्वचा में पानी की कमी हो उनकी त्वचा में रूखापन, पतलापन और त्वचा पर दो-मुंहे बालों का देखा जाना आम होता है, इसके अलावा त्वचा पर झुर्रियों और रेखाओं का बनना भी मुख्य है। बैंगन में भरपूर पानी होने के अलावा प्रचुर मात्रा में सूक्ष्मतत्वों और आवश्यक रसायनों का पाया जाना इस ओर इंगित करता है कि ये त्वचा की बेहतरी के लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है। ज्यादा बेहतर से बेहतर परिणामों के लिए बैंगन को अधकचा ही खाना चाहिए क्योंकि वर्तमान में हुई शोधों के परिणामों के अनुसार ज्यादा देर तक पकने की हालात में बैंगन के अधिकांश महत्वपूर्ण तत्वों का नाश हो जाता है। डायबिटीज अमेरिकन डायबिटीज एसोशियेन और नेशनल डायबिटीज एजुकेशन प्रोग्राम के एक संयुक्त अध्ययन के अनुसार बैंगन आधारित भोजन को देने पर डायबिटिस के रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर में काफी कमी होते पाया गया। बैंगन आधारित भोजन के बाद रोगियों के शरीर में फाइबर्स की मात्रा में अधिकता देखी गयी और शरीर में कैलोरी की मात्रा भी कम आंकी गयी। बैंगन में पाए जाने वाले फाइबर्स और फिनोल्स की वजह से ग्लूकोज बनने की प्रक्रिया में सुस्ती आती है।

आधुनिक शोध परिणाम दर्शाते हैं बैंगन में एल्फा ग्लायकोसिडेस जैसे एंजाइम्स के प्रभाव को कम करने का गुण होता है यानि शरीर में ग्लूकोज अवशोषण को बाधित करने में बैंगन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बैंगन में कई अन्य महत्वपूर्ण रसायन जैसे क्वेसेटिन, बीटा केरोटीन, जेनिस्टीन और कुर्कुमिन आदि पाए जाते है जो कि डायबिटीज नियंत्रण में अपनी अलग अलग भूमिका को संपादित करने में सक्षम हैं। कॉलेस्ट्राल बैंगन को एक महत्वपूर्ण एंटी कॉलेस्ट्राल एजेंट मान सकते हैं। नयी जानकारियों से पता चलता है कि लगातार बैंगन का सेवन करना आपके कॉलेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित करने में काफी मददगार होता है। हालांकि इस तथ्य को साबित करने के लिए किसी बड़ी शोध की रपट मेरी जानकारी में नहीं लेकिन पारंपरिक हर्बल जानकारों की मानी जाए तो हर व्यक्ति को सप्ताह में तीन बार अधकचे बैंगन का सेवन जरूर करना चाहिए। ये शरीर में चर्बी जमा नहीं होने देता है। वैसे बैंगन में पाए जाने वाले इन महत्वपूर्ण रसायनों पर गौर किया जाए और इन रसायनों के गुणों को समझा जाए तो आसानी से निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ये हृदय रोगियों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है।

स्वस्थ मस्तिष्क बैंगन के महत्वपूर्ण रसायनों का एक खास गुण ये भी है कि ये मस्तिष्क कोशिकाओं की झिल्लियों (ब्रेन सेल मेम्ब्रेन) को फ्री रेडिकल कोशिकाओं से बचाने का कार्य करते हैं। बैंगन में पाए जाने विटामिन B कॉम्पलेक्स हमारी याददाश्त को मजबूत करने और तनाव दूर करने में बेहद मददगार होते हैं। बैंगन में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल कोशिकाओं पर आक्रमण कर ब्रेन ट्यूमर की संभावनाओं का खातमा करते हैं।
बैंगन

बैंगन मात्रा प्रति

100 g

100 g

कैलोरी (kcal) 24

कुल वसा 0.2 g

संतृप्त वसा 0 g

बहुअसंतृप्त वसा 0.1 g

मोनोअसंतृप्त वसा 0 g

कोलेस्टेरॉल 0 mg

सोडियम 2 mg

पोटैशियम 229 mg

कुल कार्बोहायड्रेट 6 g

आहारीय रेशा 3 g

शर्करा 3.5 g

प्रोटीन 1 g

विटामिन ए

23 IU

विटामिन सी

2.2 mg

कैल्सियम

9 mg

आयरन

0.2 mg

विटामिन डी

0 IU

विटामिन बी६

0.1 mg

विटामिन बी१२

0 µg

मैग्नेशियम

14 mg

बतौर सब्जी लगभग हर हिन्दुस्तानी रसोई में इसका इस्तमाल होता है। इसके फल के कई नायाब औषधीय गुण भी हैं। अलग अलग आकार और बैंगनी, हरा, सफेद और नीले रंगों में दिखाई देने वाला बैंगन हमारी सेहत से जुड़ी अनेक समस्याओं के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है। अंग्रेजी भाषा में एग्ग प्लांट या ब्रिंजल के नाम से प्रचलित फलों में बेहद अल्प मात्रा में कैलोरी पायी जाती है इसी वजह से इसे सेहत के लिए चिंतित रहने वालों के लिए वरदान सा माना गया है। बैंगन में कई तरह के खनिज लवण के अलावा कई महत्वपूर्ण रसायन जैसे विटामिन A,विटामिन B1, B2, B3,कैल्शियम और लौहतत्व आदि प्रचुरता से पाए जाते हैं। पोटेशियम और फाइबर्स की उपस्थिति के कारण इसे सेहत से भरपूर माना जाता है। कैंसर से लेकर, उच्च रक्तचाप, कॉलेस्ट्राल और डायबिटिस के रोगियों के लिए बैंगन एक बेहद खास औषधि भी है। इस सप्ताह हम अपने पाठकों को बैंगन से जुड़ी ऐसी ही नायाब जानकारियों को साझा करने जा रहे हैं।

बैंगन में प्रचुर मात्रा में डायटरी फाईबर्स पाए जाते हैं जो उन लोगों के लिए बेहद जरूरी है जो वजन कम करने की सोच रहे हैं। फाइबर्स एक प्रकार से ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो अपेक्षाकृत भारी और पेट में ज्यादा स्थान घेरने में सक्षम होते हैं। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बैंगन के सेवन के बाद फाइबर्स की मात्रा पेट में पहुंचती है और भूख को शांत करने का भी कार्य करती है। इसके सेवन से जहां एक ओर ज्यादा से ज्यादा फाइबर्स हमारे शरीर में पहुंचते हैं वहीं कैलोरी की मात्रा भी कम होती है। भोजन से ठीक पहले अधकचे बैंगन के साथ सलाद और हरी भाजियों का भी सेवन किया जाए तो आहिस्ता आहिस्ता वजन में घटोतरी देखी जा सकती है।

कैंसर आधुनिक शोध परिणामों पर गौर किया जाए तो जानकारी मिलती है कि इसके सटीक इस्तेमाल से कैंसर जैसे भयावह रोग से भी काफी हद तक लड़ा जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले फाइबर्स की वजह से कोलोन कैंसर की स्थिति में इसे बेहद कारगर माना जाता है। कोलोन के पास स्त्रावित होने वाले घातक टॉक्सिन्स और रसायनों को अवशोषित करने में ये फाइबर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सामान्यत: कोलोन के पास इन्ही टॉक्सिन्स और घातक रसायनों के जमावड़े से ही कैंसर के हालात बनते हैं। वे लोग जो भविष्य में इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं उन्हें निश्चित तौर पर बैंगन को अपने खान-पान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाना चाहिए। खास तौर पर बैंगन की त्वचा यानि बाहरी दीवार का सेवन अति आवश्यक है क्योंकि आधुनिक शोध बताती हैं कि इसके छिलके में सबसे ज्यादा फाइबर्स पाए जाते हैं। त्वचा की देखभाल शरीर की त्वचा का बहुत बड़ा हिस्सा पानी को समाहित किए होता है और त्वचा और शरीर में पानी की पर्याप्त उपलब्धता त्वचा पर साफ देखी जा सकती है। निखरी और तेजवान त्वचा शरीर में पानी और खनिज लवणों के अनुपात के संतुलन को दर्शाती है। जिन लोगों की त्वचा में पानी की कमी हो उनकी त्वचा में रूखापन, पतलापन और त्वचा पर दो-मुंहे बालों का देखा जाना आम होता है, इसके अलावा त्वचा पर झुर्रियों और रेखाओं का बनना भी मुख्य है। बैंगन में भरपूर पानी होने के अलावा प्रचुर मात्रा में सूक्ष्मतत्वों और आवश्यक रसायनों का पाया जाना इस ओर इंगित करता है कि ये त्वचा की बेहतरी के लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है। ज्यादा बेहतर से बेहतर परिणामों के लिए बैंगन को अधकचा ही खाना चाहिए क्योंकि वर्तमान में हुई शोधों के परिणामों के अनुसार ज्यादा देर तक पकने की हालात में बैंगन के अधिकांश महत्वपूर्ण तत्वों का नाश हो जाता है।

डायबिटीज अमेरिकन डायबिटीज एसोशियेन और नेशनल डायबिटीज एजुकेशन प्रोग्राम के एक संयुक्त अध्ययन के अनुसार बैंगन आधारित भोजन को देने पर डायबिटिस के रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर में काफी कमी होते पाया गया। बैंगन आधारित भोजन के बाद रोगियों के शरीर में फाइबर्स की मात्रा में अधिकता देखी गयी और शरीर में कैलोरी की मात्रा भी कम आंकी गयी। बैंगन में पाए जाने वाले फाइबर्स और फिनोल्स की वजह से ग्लूकोज बनने की प्रक्रिया में सुस्ती आती है। आधुनिक शोध परिणाम दर्शाते हैं बैंगन में एल्फा ग्लायकोसिडेस जैसे एंजाइम्स के प्रभाव को कम करने का गुण होता है यानि शरीर में ग्लूकोज अवशोषण को बाधित करने में बैंगन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बैंगन में कई अन्य महत्वपूर्ण रसायन जैसे क्वेसेटिन, बीटा केरोटीन, जेनिस्टीन और कुर्कुमिन आदि पाए जाते है जो कि डायबिटीज नियंत्रण में अपनी अलग अलग भूमिका को संपादित करने में सक्षम हैं। कॉलेस्ट्राल बैंगन को एक महत्वपूर्ण एंटी कॉलेस्ट्राल एजेंट मान सकते हैं। नयी जानकारियों से पता चलता है कि लगातार बैंगन का सेवन करना आपके कॉलेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित करने में काफी मददगार होता है। हालांकि इस तथ्य को साबित करने के लिए किसी बड़ी शोध की रपट मेरी जानकारी में नहीं लेकिन पारंपरिक हर्बल जानकारों की मानी जाए तो हर व्यक्ति को सप्ताह में तीन बार अधकचे बैंगन का सेवन जरूर करना चाहिए। ये शरीर में चर्बी जमा नहीं होने देता है। वैसे बैंगन में पाए जाने वाले इन महत्वपूर्ण रसायनों पर गौर किया जाए और इन रसायनों के गुणों को समझा जाए तो आसानी से निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ये हृदय रोगियों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है।

स्वस्थ मस्तिष्क बैंगन के महत्वपूर्ण रसायनों का एक खास गुण ये भी है कि ये मस्तिष्क कोशिकाओं की झिल्लियों (ब्रेन सेल मेम्ब्रेन) को फ्री रेडिकल कोशिकाओं से बचाने का कार्य करते हैं। बैंगन में पाए जाने विटामिन B कॉम्पलेक्स हमारी याददाश्त को मजबूत करने और तनाव दूर करने में बेहद मददगार होते हैं। बैंगन में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल कोशिकाओं पर आक्रमण कर ब्रेन ट्यूमर की संभावनाओं का खातमा करते हैं।

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