नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में शुक्रवार को एक बार फिर जुमे की नमाज के बाद दोबारा प्रदर्शन शुरू होने की आशंका के मद्देनजर जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। प्रदेश के 18 संवेदनशील जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद करने की भी तैयारी चल रही है। प्रशासन को सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस, पीएसी और केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी मुख्यालय से सभी जिलों को व्यापक कार्ययोजना बनाकर सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें संवेदनशील इलाकों को जोन व सेक्टरों में बांटकर मजिस्ट्रेट व पुलिस अफसरों की तैनाती करने, भीड़ एकत्र होने की संभावना वाले मार्गों पर बैरीकेडिंग कराने और फुट पेट्रोलिंग कर लोगों से संवाद कायम करने को कहा गया है। पुलिस ने अपील की है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। पढ़ें इन घटनाक्रम से जुड़ी सभी खास बातें…
पीस कमेटी की बैठक कराने के निर्देश:
जिलों में थाना स्तर पर पीस कमेटी की बैठकें करने और मस्जिदों के इमामों से संपर्क कर उनसे नमाज के बाद शांति बनाए रखने की अपील करवाने को भी कहा गया है। डीजीपी मुख्यालय में बनाया गया कंट्रोल रूम भी सक्रिय हो गया है। उन जिलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं, जहां पिछले शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन हुए थे। कानपुर, लखनऊ, मेरठ, फिरोजाबाद, बुलंदशहर, संभल, बिजनौर, हापुड़, सहारनपुर, रामपुर, अमरोहा, बहराइच, बरेली, मुजफ्फरनगर, संभल, मुजफ्फरनगर, वाराणसी व गोरखपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक घटनाएं हुई थीं। इन जिलों के जिलाधिकारी जरूरत पड़ने पर इंटरनेट बंद कर सकते हैं। इनमें से कुछ जिलों में इंटरनेट बंद भी करा दिया गया है।
शुक्रवार को इन जिलों में इंटरनेट सेवा होंगी प्रभावित:
मथुरा, फिरोजाबाद, सहारनपुर, बिजनौर, बुलंदशहर और गाजियाबाद
यहां भी लग सकती हैं इंटरनेट पर रोक:
लखनऊ, कानपुर, मेरठ, रामपुर, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, हापुर, आजमगढ़
हिंसा को लेकर नोटिस:
उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों को चिन्हित कर नोटिस जारी किये जा रहे हैं। उपद्रवियों की गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है और संपत्ति के नुकसान का आकलन हो रहा है। शुक्रवार यानी आज जुमे की नमाज के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है और शांति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस लगातार गश्त कर रही है । पिछले हफ्ते जुमे की नमाज के बाद ही हिंसा भडक उठी थी। हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। अलग अलग जिलों में 372 लोगों को नोटिस दिये गये हैं ।
गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने गुरूवार को बताया कि हिंसा में मृतकों की संख्या 19 है। इसमें 288 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से 61 गोलीबारी में जख्मी हुए हैं। उन्होंने बताया कि 327 मामले दर्ज हुए हैं जबकि 5558 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया है । करीब एक हफ्ते तक बंद रही इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गयी थीं लेकिन एहतियातन कई जगहों पर इसे दोबारा बंद कर दिया गया है ताकि सोशल मीडिया से किसी तरह की अफवाह ना फैलने पाये ।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सबसे अधिक 200 नोटिस मुरादाबाद में दिये गये। लखनउ में 100, गोरखपुर में 34 और फिरोजाबाद में 29 लोगों को नोटिस दिये गये हैं। हिंसा में कथित रूप से शामिल होने के लिए प्रदेश भर में 1113 लोगों को गिरफ्तार किया गया है ।
संभल में उपद्रवियों ने छीन ली थी इंस्पेक्टर की पिस्टल
डीजीपी मुख्यालय के अनुसार सीएए के विरोध में सम्भल में 20 दिसंबर को क्राइम ब्रांच के एक इंस्पेक्टर की पिस्टल भी उपद्रवियों द्वारा छीन ली गई थी।
अब तक हुई कार्रवाई
10 दिसंबर से अब तक
-विरोध प्रदर्शन व पुलिस पर फायरिंग में 327 मुकदमे दर्ज
-मुकदमों में अब तक 1113 गिरफ्तार
-हिंसक घटनाओं में 19 की मौत हुई।
-288 पुलिसकर्मी जख्मी।
-61 पुलिस वालों को उपद्रवियों की गोली लगी।
-पुलिस ने 35 अवैध असलहे, 69 जिंदा कारतूस और 647 कारतूस खोखे बरामद
-शांति भंग की आशंका में 5558 हिरासत में
बरामद हुए अवैध असलहे:
विभिन्न जिलों में हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ने 35 अवैध असलहे, 69 जिंदा कारतूस और 647 कारतूस के खोखे बरामद किए।
सोशल मीडिया पर सख्ती
-सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने पर 124 गिरफ्तार
-ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक, इन्स्टाग्राम व यू ट्यूब पर आपत्तिजनक पोस्ट पर 93 मुकदमे दर्ज
-इनमें 124 व्यक्तियों को गिरफ्तार
-कुल 19409 सोशल मीडिया पोस्टों के विरुद्ध कार्रवाई
-9372 ट्विटर पोस्ट, 9856 फेसबुक पोस्ट और 181 यू-ट्यूब एवं अन्य प्रोफाइल पोस्ट शामिल हैं।