हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को एक बस और अन्य वाहनों के भूस्खलन की चपेट में आने से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. अभी तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.
किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को एक बस और अन्य वाहनों के भूस्खलन की चपेट में आने से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. अभी तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. बताया जा रहा है कि 50 लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच बचाव कार्य में जुटी है. इस भूस्खलन का एक वीडियो सामने आया है. इसमें दिखा कि पहले तो पहाड़ से पत्थर नीचे नदी में गिरे. उसके बाद पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर और नदी में गिर जाता है.
बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
किन्नौर हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. मृतकों में से आठ एक टाटा सूमो टैक्सी में फंसे पाए गए. जानकारी के मुताबिक हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस, जो रिकांग पियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी, अब भी मलबे में दबी हुई है. एचआरटीसी की एक और बस और एक बोलेरो और उसके यात्री मलबे के नीचे नहीं पाए गए और उनका अब भी पता नहीं चल सका है. लोगों का कहना है कि यह संभव हो सकता है कि दोनों वाहन मलबे के साथ नीचे लुढ़क गए हों. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में इस मानसून मौसम में कुल 218 लोगों की मौत हुई है और 12 लोग लापता हैं. इससे पहले 25 जुलाई को किन्नौर जिले में बटसेरी के पास हुए कई भूस्खलनों में 9 लोगों की मौत हो गई थी.
पीएम मोदी ने दिया हरसंभव मदद का आश्वासन
हादसे के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से किन्नौर में हुए भूस्खलन के चलते बनी स्थिति पर बात की. पीएम मोदी ने बचाव अभियानों में हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया. केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने भी भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए ठाकुर से बात की. गृह मंत्री ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को राहत एवं बचाव कार्यों में हिमाचल प्रदेश सरकार को हरसंभव मदद देने का निर्देश दिया.
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