इंतजार की घड़ियां खत्म हुईं। शुक्रवार की रात हमारे सपनों का चंद्रयान चांद की धरती पर होगा। यह ऐतिहासिक पल होंगे। देश के लिए चांद-रात होगी। आइये, आपको बताते हैं कि भारत के गौरव का चंद्रयान-2 किस तरह चंद्रमा की धरती पर उतरेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 70 छात्र-छात्राओं के साथ इसरो के बेंगलुरु स्थित केंद्र में इसे लाइव देखेंगे। अमेरिकी एजेंसी नासा समेत पूरी दुनिया की निगाह इस अभियान पर है। इसरो ने कहा है कि ऑर्बिटर और लैंडर पूरी तरह ठीक हैं। हम उस ऐतिहासिक पल का इंतजार कर रहे हैं।
चार घंटे बाद बाहर आएगा रोवर
चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद विक्रम के भीतर से रोवर प्रज्ञान सात सितंबर की सुबह साढ़े पांच बजे से साढ़े छह के बीच चांद पर चहलकदमी शुरू करेगा। रोवर एक चंद्र दिवस की अवधि (धरती के 14 दिन के बराबर) तक चंद्रमा की सतह पर रहकर वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।
15 मिनट की होगी सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया
1:30 से 2:30 बजे के बीच होगी साफ्ट लैंडिंग
3:55 लैंडर से रोवर बाहर निकलेगा।
5:30 से 6:30 बजे रोवर चंद्रमा पर उतर जाएगा।
कहां देखें
– इसरो की आधिकारिक वेबसाइट पर चंद्रयान-2 लैंडिंग की लाइव स्ट्रीमिंग होगी।
– पीआईबी अपने यूट्यूब पेज पर लाइव स्ट्रिमिंग दिखाएगा ।
देश-विदेश की नजरें
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा समेत पूरे विश्व की निगाहें चंद्रयान-2 के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने पर टिकी हैं।
क्या है खास
– चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला पहला देश बन जाएगा।
– अभियान की सफलता के साथ भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
– चंद्रयान में इस्तेमाल किए गए सभी उपकरण भी स्वदेशी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी भी लाइव देखेंगे
इस ऐतिहासिक क्षण को नजरभर देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देश भर से आए करीब 70 छात्र-छात्राएं इसरो के बेंगलुरु स्थित केंद्र में मौजूद रहेंगी।
आगे क्या होगा
– छह पहियों वाला रोबोटिक उपकरण प्रज्ञान (रोवर) 50 मीटर की दूरी तक चंद्रमा की सतह पर घूमकर तस्वीरें लेगा।
– ऑर्बिटर एक साल तक चांद की परिक्रमा कर इसरो को जानकारियां भेजता रहेगा।