आपको शायद पता न हो लेकिन हाई फैट फूड पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देता है, जिसके कारण व्यक्ति को कब्ज होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप वसा का सेवन बिल्कुल न करें। गुड फैट शरीर के लिए बेहद जरूरी है, आप उसे हाई फाइबर फूड के साथ ले सकते हैं।
व्यक्ति के शरीर में बहुत सी बीमारियों की जड़ है पेट। अगर व्यक्ति का पाचनतंत्र सही तरह से काम नहीं करता तो व्यक्ति को कब्ज, दस्त, उल्टी, गैस, मोटापा व अन्य कई तरह की बीमारियां घेर लेती है। इतना ही नहीं, भोजन में मौजूद पोषक तत्व शरीर तक पहुंचाता है और अगर वह सही तरह से काम नहीं करता तो हेल्दी भोजन करने के बाद भी शरीर को सही तरह से पोषक तत्व प्राप्त नहीं होते। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि पाचनतंत्र को हमेशा स्वस्थ रखा जाए। पाचनतंत्र व्यक्ति की लाइफस्टाइल और उसकी खानपान की आदतों पर काफी हद तक निर्भर करता है। इसलिए अगर उसमें थोड़े बदलाव किए जाएं तो पाचनतंत्र हमेशा के लिए स्वस्थ रहेगा। तो चलिए जानते हैं इन बदलावों के बारे में−
लें हाई फाइबर डाइट
अगर आप ऐसे भोजन का सेवन करते हैं, जिनमें फाइबर की अधिकता हो तो इससे पाचनतंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह पाचनतंत्र को तो बेहतर तरीके से काम करने के लिए प्रेरित करता है ही, साथ ही पेट की कई परेशानियों जैसे कब्ज, बवासीर, आईबीएस आदि से भी निजात दिलाता है। इसलिए अपने आहार में हाई फाइबर फूड जैसे साबुत अनाज, फल, सब्जियां व फलियां आदि अवश्य शामिल करें।
हाई फैट फूड को करें लिमिटेड
आपको शायद पता न हो लेकिन हाई फैट फूड पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देता है, जिसके कारण व्यक्ति को कब्ज होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप वसा का सेवन बिल्कुल न करें। गुड फैट शरीर के लिए बेहद जरूरी है, आप उसे हाई फाइबर फूड के साथ ले सकते हैं।
प्रोबॉयोटिक्स को डाइट में जगह
प्रोबॉयोटिक्स वास्तव में गुड बैक्टीरिया हैं, जिनकी शरीर को बेहद जरूरत होती है। यह पाचन तंत्र में स्वाभाविक रूप से मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया के समान हैं। प्रोबॉयोटिक्स के सेवन का एक बड़ा लाभ यह है कि वे एक अनहेल्दी आहार, एंटीबायोटिक दवाओं और तनाव के प्रभावों का मुकाबला करके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं, प्रोबायोटिक्स पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ा सकते हैं, लैक्टोज को तोड़ने में मदद कर सकते हैं, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं, और संभवतरू आईबीएस के उपचार में भी मदद कर सकते हैं।
रहें हाइड्रेटेड
शरीर के लिए पानी किसी अमृत से कम नहीं है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने पाचनतंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। फाइबर कोलोन में पानी खींचता है, जिससे स्टूल नरम होता है और जिसके कारण व्यक्ति को स्टूल पास करते समय परेशानी नहीं होती। वहीं अगर शरीर में पानी की कमी हो तो इससे पाचनतंत्र अपना कार्य सही तरह से नहीं कर पाता और व्यक्ति को अक्सर कब्ज की शिकायत होती है।
इनका रखें ख्याल
खानपान के अतिरिक्त भी कुछ बातों का ध्यान रखें। मसलन, बुरी आदतों जैसे धूम्रपान, अत्यधिक कैफीन व अल्कोहल का सेवन न करें। बहुत अधिक तनाव न लें। तनाव को नियंत्रित करने के लिए ऐसी गतिविधियां करें, जो आपको भीतर से खुशी देती हों।
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