पुदीना हमारे खाने में स्वाद बढ़ाने के अलावा अपने औषधीय गुणों के कारण भी बहुत ही उपयुक्त है | अपने इन्हीं गुणोंके कारण ही पुदीना लंबे समय से रसोईघर में अपनी खास जगह बना चूका है | पुदीना में विटामिन ए, बी ६, सी, इ, के, बीटा कैरोटीन, राइबोफ्लेविन, पोटाशियम, कैलशियम जैसे कई सारे खनीज़ भी पाये जाते हैं। पुदीना में मौजूद मेन्थॉल शरीर और मन पर ठंडा और शांत प्रभाव डालता है | इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल, जीवाणुरोधी गुणधर्म होते है |
१. पाचन शक्ति वर्धक
पुदीना का मुख्य उपयोग पाचनतंत्र के विकारों में होता है | पुदीना हाज़मे को मजबूत करता है | बार बार होने वाले अपचन, पेट दर्द, पेट फूलना जैसी पाचन से जुडी बिमारियों में पुदीना बहुत ही उपयुक्त है।
२. कीटाणुनाशक
पुदीना में बहुत ही अच्छे कीटाणुनाशक तत्व है। पुदिना के पत्ते चबानेसे मुँह के अंदर कीटाणुओं का बढ़ना रुकता है जिससे साँस की बदबू जैसी समस्या में फायदा होता है | साथ ही में यह दाँत और जीभ को साफ़ रखता है | साँसो में ताज़गी लाता है |
३. गर्मी से बचाव
पुदीना गर्मी के लिए एक बहुत ही लाभदायक औषधी है | गर्मी में बाहर निकलने से पहले पुदीने के रस का सेवन करने से लू ही नहीं लगेगी।
४. श्वसनतंत्र के विकार
पुदीना श्वसनतंत्र के विकारों के लिए एक कारगर औषधी है। यह सर्दी, अस्थमा में काफी आराम पहुंचाता है।
पुदीने के रस को नमक के पानी के साथ मिलाकर कुल्ला करने से गले का भारीपन दूर होता है और आवाज साफ होती है।
पुदीने का रस कालीमिर्च और काले नमक के साथ चाय की तरह उबालकर पीने से जुकाम, खाँसी और बुखार में राहत मिलती है।
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