दुश्मन को चुनौती देने के लिए भारतीय वायुसेना भी लगातार तैयारी कर रही है. इसी क्रम में आईएएफ ने तेजस लड़ाकू विमान को जम्मू-कश्मीर में तैनात किया है. जिससे दुर्गम इलाकों में भी पायलटों को उड़ान भरने की ट्रेनिंग दी जा सके.
New Delhi: IAF: भारतीय वायु सेना ने अपने स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस को जम्मू-कश्मीर में तैनात किया है. जिससे पाकिस्तान से साथ लगी सीमा पर केंद्र शासित राज्य की घाटियों में उड़ान का अनुभव लिया जा सके. आईएएफ ने ये फैसला घाटियों में उड़ान और अन्य अभियानों में अनुभव प्राप्त करने की दृष्टि से लिया है. जिससे जरूरत पड़ने पर वायुसेना अपने स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान का घाटी में इस्तेमाल कर सके. रक्षा अधिकारियों का कहना है कि इस बेड़े में शामिल पायलट घाटी में उड़ान भरकर अनुभव ले रहे हैं गौरतलब है कि केंद्र शासित प्रदेश में भारतीय वायु सेना के कई अड्डे हैं, जो चीन और पाकिस्तान समेत दोनों मोर्चों पर संचालन के लिए काफी अहम माने जाते हैं.
पहले भी भेजे गए थे विमान
बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब वायुसेना ने अपने विमानों को घाटी में भेजा हो. इससे पहले भी भारतीय वायुसेना जम्मू-कश्मीर और लद्दाख समेत उत्तरी क्षेत्र के दोनों केंद्र शासित राज्यों में अपने विमानों को भेज चुकी है. वायुसेना इन विमानों को भेजकर अलग-अलग इलाकों में अपने पायलटों को उड़ान भरने का प्रशिक्षण और अनुभव देना चाहती है. जिससे युद्ध की स्थिति में इन इलाकों में दुश्मन को जवाब दिया जा सके.
बता दें कि वायुसेना विमान में ज्यादा से ज्यादा क्षमताएं जोड़कर अभियान को बढ़ाने में लगी है. जिसमें स्वदेशी एलसीए तेजस लड़ाकू विमान भी शामिल हैं. वायुसेना की नजह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किए जा रहे एलसीए मार्क-2 और एएमसीए पर भी है. बता दें कि इस भारतीय विमान को पहले से ही दोनों दुश्मनों (पाकिस्तानी और चीनी संयुक्त उद्यम JF-17 फाइटर) के लड़ाकू विमानों की तुलना में कहीं ज्यादा ताकतवर माना जाता है.
ये हैं तेजस लड़ाकू विमान की खासियत
बता दें कि तेजस लड़ाकू विमान सिंगल इंजन वाला हल्का लड़ाकू विमान है. जो 6,500 किलोग्राम का है. इस विमान के 50 फीसदी पार्ट्स का निर्माण भारत में ही किया गया है. इसमें इजरायल का EL/M-2052 रडार लगाया गया है. यह एक साथ 10 टारगेट को ट्रैक कर सकता है इसके साथ ही इनपर हमला भी कर सकता है. इसके अलावा आकार में छोटा होने की वजह से ये विमान बेहद छोटे रनवे से उड़ान भर सकता है.
इसमें 6 प्रकार की मिसाइलें, लेजर गाइडेड बम और कलस्टर हथियार इसमें लगाए जा सकते हैं. इस विमान में सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर लगाया गया है. जो हमले की दशा में जेट को बचाने में मदद करता है. ये लड़ाकू विमान एक बार में 3000 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकता है. इसका एडवांस्ड वर्जन ‘तेजस मार्क-2’ है जो कि 56 हजार से ज्यादा फीट की ऊंचाई तक उड़ान करने की क्षमता रखता है. जिसे रूसी फाइटर मिग-21 से भी अच्छा विकल्प माना गया है.
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