सुरक्षा के कड़े इंतजाम-अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना

सुरक्षा बलों ने चप्पे पर कड़ी निगरानी रखी है और हर आने जाने वाले लोगों की गहन जांच की जा रही है.

जम्मू बेस कैंप से रविवार सुबह अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना हो गया. बम भोले के नारों के बीच श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए निकल पड़े. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार केके शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर यात्रियों को रवाना किया. यात्रियों के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.

बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए निकले श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्हें किसी खतरे का डर नहीं है. यात्रियों ने कहा कि उन्हें भगवान शिव और सेना पर पूरा भरोसा है. यात्रा के पूरे मार्ग पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं. सुरक्षा बलों ने चप्पे पर कड़ी निगरानी रखी है और हर आने जाने वाले लोगों की गहन जांच की जा रही है.

इस साल की वार्षिक अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त को समाप्त होगी. अभी हाल में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने के बाद अपने दो दिन का जम्मू कश्मीर दौरा शुरू किया था और सुरक्षा स्थितियों का जायजा लिया था.

इससे पहले 9 जून को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अमरनाथ गुफा की ओर जाने वाले बालताल और पहलगाम मार्गों का हवाई सर्वेक्षण किया था. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मुख्य सचिव बी.वी.आर.सुब्रह्मण्यम और राज्यपाल के सलाहकार के. विजय कुमार के साथ बर्फ की मौजूदगी की स्थिति को जानने के लिए बालताल-डोमेल-संगम-पंजतरनी-शेषनाग-चंदावड़ी-पहलगाम के समूचे अमरनाथ यात्रा मार्ग का हवाई सर्वेक्षण किया.

श्रद्धालुओं का विवरण

अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे में 793 पुरुष, 203 महिलाएं, 10 बच्चे, 44 पुरुष साधु, एक महिला साधु शामिल हैं. इस जत्थे में कुल 1051 श्रद्धालु यात्रा पर निकले हैं. यह बालटाल यात्रा का विवरण है. उधर पहलगाम से भी एक जत्था रवाना हुआ है जिसमें 1046 पुरुष, 130 महिलाएं और 7 बच्चे शामिल हैं. इसमें कोई साधु नहीं है. पहलगाम से निकले जत्थे में कुल यात्रियों की संख्या 1183 है.

सुरक्षा बलों की चुस्त निगरानी

इस साल अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हई है. सुरक्षा बल कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं. इस साल अबतक 122 आतंकी सुरक्षा बलों ने ढेर किया है. जब से अमित शाह गृहमंत्री बने हैं तब से अबतक 22 आतंकियों को सुरक्षा बलों मार गिराया है. यही वजह है कि पाक परस्त आतंकी इस समय बौखलाए हुए हैं और वो इस बौखलाहट में किसी हद तक जा सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक आतंकी अमरनाथ यात्रा के दौरान फिदायीन हमले की कोशिश कर सकते हैं. सूत्र बताते हैं कि जैश और लश्कर आतंकियों के साथ साथ छोटे छोटे पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन जैसे अल बद्र अल उमर मुजाहिदीन और अंसार गजवतुल हिंद के जरिये सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में लगे सुरक्षा बलों पर और यात्रा कॉनवॉय पर हमला करवा सकते हैं.

इस खतरे को पहले से ही भांपते हुए सुरक्षा बलों और गृह मंत्रालय ने इस साल अमरनाथ यात्रा को लेकर कड़े सुरक्षा के प्लान तैयार कर लिए हैं. सुरक्षा महकमे से आजतक को जो जानकारी मिली है उसके अनुसार इस बार की अमरनाथ यात्रा में 350 से ज्यादा अर्द्ध सैनिक बलों की कंपनियां सुरक्षा में तैनात तैनात की गई हैं. अमरनाथ यात्रा को लेकर गृहमंत्रालय और सुरक्षा बलों ने बड़ी तैयारी कर ली है.

दरअसल पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा बलों ने कई तरीके के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (SOP) को भी बदला है. सूत्रों ने आजतक को बताया है कि जम्मू कश्मीर के नागरिकों को बिना असुविधा दिए, यात्रा के दौरान उनके ट्रैफिक को रोका जाएगा. साथ ही यात्रा के दौरान कम संख्या में काफिले में गाड़ियों को शामिल किया जाएगा. इस साल ज्यादा संख्या में बुलेट प्रूफ और एमपीवी गाड़ियों को यात्रा में शामिल किया जाएगा.

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