भारत ही नहीं गर्मी से यूरोप भी झुलस रहा है, फ्रांस में तापमान पहली बार 45 डिग्री के पार, सड़कों पर लगाए गए फव्वारे
जेनेवा: गर्मी की मार सिर्फ भारत के लोग ही नहीं जेल रहे बल्कि पूरे यूरोप में भी इस बार गर्मी ने कहर बरपा रखा है. तापमान अपने चरम स्तर पर पहुंच गई है. जून के आखिरी हफ्ते में पूरे यूरोप का औसत तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच गया है. इसी बीच फ्रांस में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी दर्ज की गई.
शुक्रवार को फ्रांस के कुछ हिस्सों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया, जो फ्रांस के इतिहास में उच्चतम है. भीषण गर्मी को देखते हुए यहां कई स्कूल बंद कर दिए गए हैं. इससे पहले फ्रांस का अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड 44.1 डिग्री सेल्सियस था, जो साल 2003 के अगस्त महीने में दर्ज किया गया था.
डब्ल्यूएमओ के मुताबिक, तापमान को लेकर पिछले पांच वर्षों का आंकड़ा देखने से यह निष्कर्ष निकलता है कि 2015 से 2019 के पांच साल का समय अभी तक का सबसे गर्म कालखंड है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों ने चेतावनी दी है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से आगे भी भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है. बता दें कि यूरोप 25 डिग्री से 45 डिग्री लैटीट्यूड के बीच बसा हुआ है. इसे टेम्परेट जोन (कम तापमान वाला) कहा जाता है. 40 डिग्री से ज्यादा तापमान यहां के लोगों के लिए झुलसाने वाला है. फ्रांस के मौसम विभाग ने कहा कि तापमान अभी और भी ऊपर चढ़ सकता है.
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यूरोप में बढ़ते तापमान की बड़ी वजह अफ्रीका की ओर से आ रही गर्म हवाएं हैं. हवाएं गर्म होने के कारण फ्रांस में सड़कों पर निकलना काफी मुश्किल हो गया है. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक- देशभर की दुकानों से पंखे और एयर कंडीशंड बिक चुके हैं. शिक्षा मंत्रालय ने मिडिल स्कूल की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं. वहीं, फ्रांस में चल रहे महिला फुटबॉल वर्ल्ड कप को देखते हुए 32 डिग्री से ज्यादा तापमान होने पर वॉटर ब्रेक करने की बात कही गई है.
वहीं, स्पेन में भी लू के चलते दो लोंगों के मौत की खबर है. स्पेन के वालाडोलिड में एक 93 वर्षीय व्यक्ति की लू लगने से मौत हो गई. इसके अलावा एक बच्चे की भी जान चली गई. फ्रांस की मौसम एजेंसी स्टेट वेदर फोरकास्ट मीडिया-फ्रांस ने बताया कि यूरोप इस समय भयंकर गर्मी और लू से जूझ रहा है. गर्मी के कहर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फ्रांस में लोगों को राहत देने के लिए सड़कों पर फव्वारे लगाए गए हैं.