राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का प्रस्ताव राज्यसभा -जम्मू कश्मीर में

संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार को भी जारी रहेगी. आज गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की मियाद बढ़ाने का प्रस्ताव रखा. ये प्रस्ताव लोकसभा से पास हो चुका है, जहां पर कांग्रेस ने इसका विरोध किया था. अब सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, ऐसे में देखना होगा सरकार क्या कदम उठाती है. बता दें कि इस हफ्ते के आखिर में बजट भी पेश होना है.

पीडीपी के सांसद नाजिर अहमद ने कहा कि गृह मंत्री के दौरे से कश्मीर के लोगों में एक उम्मीद जगी है. 1987 तक वहां शांति से चुनाव हो रहा था, कोई हिंसा नहीं हो रही थी. नाजिर ने कहा कि कश्मीर हिन्दुस्तान का अटूट हिस्सा है लेकिन हमारे जख्मों को मरहम नहीं लगाया गया. कश्मीर में पहली बार हड़ताल नहीं हुई, कोई सड़क पर नहीं आया, हम अमरनाथ यात्रा के लिए हिन्दुओं की मदद करते हैं.

आरजेडी सांसद मनोज झा ने कश्मीर पर लाए गए दोनों प्रस्तावों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि हर चीज के लिए नेहरू को जिम्मेदार ठहराया जाता है, उन्होंने कहा कि नेहरू को कांग्रेस के नहीं थे. झा ने कहा कि आजाद, सुभाष चंद्र, आजादन नेहरू किसी पार्टी के नहीं देश की विरासत हैं. उन्होंने कहा कि देश तय करे कि उसे जमीन चाहिए या लोग, अगर हमें लोग चाहिए तो नीतियां उस तरह की बनानी होंगी. मनोझ झा ने कहा कि ये लोग अपने पद से नहीं अपने कद से थे और इनके बारे में टिप्पणी करने का हमें कोई हक नहीं हैं क्योंकि इनके आगे हम सब बौने हैं.

राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के पक्ष में जेडीयूजेडीयू सांसद रामचंद्र प्रसाद ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाने के प्रस्ताव और आरक्षण बिल का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में फैक्स बहुत ज्यादा काम कर रहा था. राज्यपाल के प्रस्ताव पर रूप में मौजूद राष्ट्रपति को रात में जगाकर दस्तखत कराए गए थे. प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रपति शासन में बहुत काम होता है और कलेक्टर रहने के दौरान मैंने ऐसे हालात में यूपी के 4 जिलों में काम किया है. जेडीयू सांसद ने कहा कि जम्मू क्षेत्र के तीनों जिलों में आरक्षण का लाभ मिलेगा और इसके लिए केंद्र सरकार बधाई की पात्र है.

टीएमसी ने किया समर्थन का ऐलानटीएमसी सांसद डेरेक ओब्राईन ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा के दौरान कहा कि कश्मीर की चर्चा में लद्दाख और लेह का नाम नहीं आता और वहां के लोगों को इस बात की शिकायत रहती है. डेरेक ने कहा कि हमने धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कई गंभीर सवाल उठाए थे लेकिन इन सवालों का कोई जवाब प्रधानमंत्री की ओर से नहीं मिला. उन्होंने कहा कि आज उम्मीद है कि पीएम की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में जवाब देने वाले अमित शाह आज इन सवालों का जवाब देंगे. डेरेक ने कहा कि आज दो परिवार देश को चला रहे है. डेरेक ने कहा कि भारतीयों को फायदा मिले इसलिए हम जम्मू कश्मीर आरक्षण बिल का समर्थन करते हैं. साथ ही राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के प्रस्ताव का भी समर्थन करते हैं. लेकिन सरकार एनआरसी के नाम पर भारतीय नागरिकों को क्यों निशाना बना रही है जिनमें हिन्दू भी शामिल हैं.

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