अगर आप भी करते हैं पेटीएम का इस्तेमाल तो आज से आपको Paytm यूज करना महंगा पड़ेगा. 1 जुलाई से पेटीएम मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) का बोझ ग्राहकों पर डालने वाला है. बैंक और कार्ड कंपनियां डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए एमडीआर लेते हैं. पेटीएम प्रॉफिट में आने के लिए यह कदम उठाने वाली है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्रेडिट कार्ड्स के जरिये पेमेंट्स पर 1 प्रतिशत, डेबिट कार्ड्स के लिए 0.9 प्रतिशत और नेट बैंकिंग और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस के जरिये ट्रांजैक्शंस पर 12 से 15 रुपये तक का बोझ अब ग्राहकों को उठाना पड़ेगा. इससे पहले तक कंपनी ये बोझ खुद उठाती रही है
सॉफ्टबैंक और अलीबाबा ग्रुप से निवेश हासिल करने वाली पेटीएम अब तक इस चार्ज का बोझ खुद उठाती रही है और अपने प्लेटफॉर्म से होने वाले पेमेंट्स के लिए अतिरिक्त रकम नहीं लेती रही है. पिछले साल डिजिटल ट्रांजैक्शंस को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कहा था कि वह 2,000 रुपये तक के ट्रांजैक्शंस पर एमडीआर चार्जेज खुद वहन करेगी. यह नियम उन पेमेंट्स के लिए था, जो डेबिट कार्ड्स, भीम, यूपीआई या आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम से किए जाएं
इन सभी चीजों पर लगेंगे अब चार्ज
ये नए चार्ज डिजिटल पेमेंट्स के हर मोड पर लागू होंगे यानी वॉलेट टॉप अप करने से लेकर यूटिलिटी बिल या स्कूल फीस पेमेंट और सिनेमा टिकट की खरीदारी तक पर. अब पेटीएम यह कॉस्ट कन्ज्यूमर्स पर डालकर उसे कवर करने की कोशि कर रही है. इकॉनोमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक अडिशनल चार्जेज सोमवार यानी आज से लागू होंगे.
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केवल एमडीआर का बोझ कन्ज्यूमर्स पर
पेटीएम ने कहा कि वह केवल एमडीआर का बोझ कन्ज्यूमर्स पर डाल रही है जो बैंक और कार्ड कंपनियां चार्ज करते हैं. उसने कोई कन्वीनिएंस फीस लेने से इनकार किया. कंपनी प्रवक्ता ने कहा कि अगर कोई फीस ली जा रही हो, तो यह दरअसल मर्चेंट की ओर से कस्टमर पर एमडीआर का बोझ ट्रांसफर करने की बात है. पेटीएम कोई कन्वीनिएंस फीस नहीं लेती है और न ही कंज्यूमर्स से एमडीआर लेती है. भविष्य में इन्हें लेने की कोई योजना नहीं है.