नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में पिछले सप्ताह एक अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने और अपनी हरकत के लिए कतई अफसोस ज़ाहिर नहीं करने वाले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक आकाश विजयवर्गीय को लेकर चल रहे बड़े विवाद के बीच BJP सांसद आज, यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विचार सत्र में शामिल होंगे, जिसमें सूत्रों के अनुसार, अनुशासन के मुद्दे पर भी चर्चा की जाएगी. दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर 80 सांसदों के साथ होने वाली इस मुलाकात के साथ ही ‘अनुशासन सत्र’ की शुरुआत हो जाएगी.
BJP के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश पार्टी नेताओं के लिए इस बात का सबक बन सकते हैं कि अनुशासनहीन होने का नतीजा क्या हो सकता है, क्योंकि सूत्रों के मुताबिक, पार्टी उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है.
नाराज़ प्रधानमंत्री ने मंगलवार को ही BJP संसदीय दल की बैठक के दौरान साफ कर दिया था कि आकाश विजयवर्गीय का व्यवहार अस्वीकार्य है, और उनके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों से कहा था, “अगर हमें एक विधायक खोना पड़ता है, तो यही सही… ऐसा दोबारा होने से रोकने के लिए हमें उदाहरण प्रस्तुत करना होगा…”
निगम अधिकारी की क्रिकेट बैट से पिटाई किए जाने का ज़िक्र ‘इंदौर की घटना’ के रूप में करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “वह कोई भी हों, किसी के भी पुत्र हों, इस तरह का घमंड, व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए…”
पिछले बुधवार को अवैध कब्ज़ों को हटाने के लिए पहुंचे निगम अधिकारी को दौड़ा-दौड़ाकर क्रिकेट बैट से मारते हुए कैमरे में कैद हो जाने के बाद इंदौर से BJP के विधायक आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद भी आकाश ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था, “पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दनादन…”
रविवार को ज़मानत पर रिहा होने के बाद आकाश विजयवर्गीय का उनके पिता कैलाश विजयवर्गीय तथा अन्य लोगों ने नायक के रूप में माला पहनाकर स्वागत किया था.
एक ओर अब 34-वर्षीय विधायक आकाश विजयवर्गीय को पार्टी से निकाला जा सकता है, उधर, सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने बैठकों का दौर चलाकर सांसदों के साथ अनुशासन पर विचार-विमर्श करने का फैसला किया है. सूत्रों ने यह भी बताया, ये बैठकें सांसदों को सात समूहों में बांटकर की जाएंगी, और इनमें मंत्री भी शामिल होंगे.
बैठकों में अनुशासन के बारे में बातचीत के अलावा सांसदों को सरकार की योजनाओं के बारे में भी ब्रीफ किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में पहली बार सत्ता में आने के बाद भी सांसदों के साथ इस तरह की बैठकें की थीं.