शिलांग: मेघालय में सत्तारूढ़ कांग्रेस को शुक्रवार (29 दिसंबर) को उस समय झटका लगा जब पूर्व उपमुख्यमंत्री रोवेल लिंगदोह समेत इसके पांच विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया. विधानसभा के प्रधान सचिव एंड्रयू सिमंस ने बताया कि इनके साथ यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के एक विधायक और दो निर्दलीय विधायकों ने भी सदन से इस्तीफा दे दिया.
राज्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रोवेल ने बाद में घोषणा की कि इस्तीफा देने वाले सभी आठ विधायक अगले सप्ताह एक रैली में नेशनल पीपुल्स पार्टी में शामिल होंगे. मेघालय में 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 30 विधायक थे. एक अन्य कांग्रेस विधायक पी एन सीएम ने कुछ दिनों पहले पार्टी से इस्तीफा दिया था जिसके बाद आज पार्टी के पांच विधायकों ने इस्तीफे दिए. शुक्रवार के इस्तीफे के साथ ही विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 24 रह गई है.
मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 6 मार्च को खत्म हो रहा है और नगालैंड तथा त्रिपुरा के साथ राज्य में अगले साल चुनाव होने हैं. विधानसभा से इस्तीफे देने वाले सभी पांच कांग्रेस विधायकों ने इससे पहले मुख्यमंत्री मुकुल संगमा और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत की थी. पांच में से चार कांग्रेस विधायक पहले राज्य मंत्रिमंडल में शामिल थे और मुख्यमंत्री ने उन्हें कथित अयोग्यता को लेकर बर्खास्त कर दिया था.
विधानसभा के प्रधान सचिव सिमंस ने कहा, ‘‘आठ विधायकों ने आज अध्यक्ष के कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंपा. अध्यक्ष बाहर हैं और वह अपने कार्यालय में मौजूद नहीं थे.’’ उन्होंने कहा कि विधायकों ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष अबू ताहिर मंडल को ईमेल के जरिए भेजा. इस्तीफा देने वाले तीन अन्य विधायक रेमिंगटन पिनग्रोप (यूडीपी) और दो निर्दलीय विधायक स्टीफंसन मुखिम और होपफुल बैमन हैं.
रोवेल ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम पोलो ग्राउंड्स में चार जनवरी को एक रैली में एनपीपी में शामिल हो रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस को छोड़ना मुश्किल फैसला था लेकिन ‘‘लोगों के कारण’’ उन्हें ऐसा करना पड़ा. मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के काम करने के निरंकुश तरीके ने मेरे और अन्य लोगों के लिए सरकार में काम करना मुश्किल कर दिया था.’’
रोवेल ने कहा कि राज्य के वित्त पोषण से पीपीपी मॉडल पर शिलांग में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने और तुरा में एक अन्य कॉलेज स्थापित करने का फैसला मंत्रिमंडल में बिना विचार विमर्श के लिए लिया गया. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी डी लपांग की भी आलोचना की. उन्होंने आरोप लगाया कि लपांग मुख्यमंत्री के इशारों पर चलते हैं और उन्होंने उनके निर्वाचन क्षेत्र समेत कई विधानसभा क्षेत्रों में ब्लॉक कांग्रेस समिति को भंग कर दिया. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मंत्रिमंडल के पूर्व मंत्री प्रेस्टोन टिनसोंग ने कहा कि इससे मेघालय में कांग्रेस के भविष्य पर बुरा असर पड़ेगा.