WHO यूरोप के डायरेक्टर हांस क्लूज ने एक बयान में कहा, पूरे यूरोप और मध्य एशिया में कोविड-19 की स्थिति बहुत गंभीर है. हम आगे एक चुनौतीपूर्ण सर्दी का सामना करने वाले हैं.
यूरोप में एक बार फिर कोरोनावायरस (Coronavirus in Europe) का कहर देखने को मिल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को कहा कि अगर कोरोनावायरस (Coronavirus) के नए मामलों और मृतकों की संख्या का ये ट्रेंड जारी रहता है तो यूरोप (Europe) में कोविड की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा 22 लाख तक पहुंच सकता है. WHO ने कहा कि आने वाले महीनों में सात लाख लोगों की मौत हो सकती है. यूरोप में एक बार फिर कोरोना (Covid Death in Europe) का कहर देखने को मिल रहा है. इस वजह से कई देशों में कड़े प्रतिबंधों को फिर से लागू करना पड़ा है.
WHO को उम्मीद है कि अभी और एक मार्च 2022 के बीच 53 देशों में से 49 में आईसीयू पर दबाव बढ़ सकता है. इसने कहा कि डाटा के मुताबिक मौतों का अनुमान अगले साल वसंत तक 22 लाख से अधिक तक पहुंच सकता है. वर्तमान में मौतों का आंकड़ा 15 लाख है. WHO के डाटा के मुताबिक, पिछले हफ्ते कोरोना की वजह से होने वाली मौतें बढ़कर 42,000 प्रति दिन हो गईं. जबकि सितंबर में ये आंकड़ा 2100 था. इस तरह मौतों के आंकड़े में दो गुना की वृद्धि हुई है. WHO ने कहा कि इस बात के सबूत बढ़ रहे हैं कि संक्रमण और हल्की बीमारी के खिलाफ वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा कम हो रही है.
सर्दियों में बढ़ने वाली है मुसीबत
WHO यूरोप के डायरेक्टर हांस क्लूज ने एक बयान में कहा, पूरे यूरोप और मध्य एशिया में कोविड-19 की स्थिति बहुत गंभीर है. हम आगे एक चुनौतीपूर्ण सर्दी का सामना करने वाले हैं. उन्होंने वैक्सीन प्लस अप्रोच की गुजारिश की. इसमें वैक्सीनेशन, सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क का इस्तेमाल और हाथ धोना शामिल है. जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को कोरोनावायरस मामलों में नाटकीय बढ़ोतरी को रोकने के लिए और प्रतिबंध लगाने की गुजारिश की. जर्मनी में तेजी से कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है और इसे ध्यान में रखते हुए अमेरिका ने अपने नागरिकों को वहां यात्रा करने के खिलाफ सलाह दी.
कहीं लॉकडाउन तो कहीं मरीजों को दूसरे देश पड़ रहा है भेजना
नीदरलैंड (Netherlands) में भी हालात बिगड़ने लगे हैं. मंगलवार को नीदरलैंड ने कोविड मरीजों को सीमा पार जर्मनी के अस्पतालों में ट्रांसफर करना शुरू कर दिया, ताकि देश के अस्पतालों पर से दबाव कम हो सके. हाल के हफ्तों में मई के बाद नीदरलैंड के अस्पतालों पर सबसे अधिक दबाव है. यही वजह है कि अब मरीजों को दूसरे देशों में इलाज के लिए ट्रांसफर किया जा रहा है. चेक गणराज्य 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के साथ-साथ स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल कार्यकर्ताओं सहित कुछ व्यवसायों के लिए कोरोना वैक्सीन अनिवार्य कर सकता है. ऑस्ट्रिया में सोमवार से लॉकडाउन लागू कर दिया गया है.
#COVID19 | India reports 9,283 new cases, 10,949 recoveries & 437 deaths in the last 24 hours, as per Health Ministry.
Active cases stand at 1,11,481 – lowest in 537 days pic.twitter.com/r08WkMZQJj
— ANI (@ANI) November 24, 2021
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