पाकिस्तान:कटासराज मंदिर से मूर्तियां गायब, कोर्ट ने लगाई फटकार

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में ऐतिहासिक कटासराज मंदिर परिसर में भगवान राम और हनुमान की मूर्तियां गायब हो गई हैं. मूर्तियों के गायब होने पर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट कटासराज मंदिर के पवित्र सरोवर का पानी सूखने पर सुनवाई कर रहा है. कोर्ट पहले ही कह चुका है कि हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कोर्ट किसी भी हद तक चली जाएगी. मंदिर परिसर में पवित्र सरोवर के सूखने पर स्वत: संज्ञान लेने के बाद सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार ने सवाल किया, ‘क्या अधिकारियों के पास मूर्तियां हैं या उन्हें हटा दिया गया है?’

न्यायमूर्ति निसार ने मीडिया में आई इन खबरों के आधार पर इस मुद्दे को उठाया कि कटासराज सरोवर सूख रहा है क्योंकि पास की सीमेंट फैक्ट्रियां कई बोरवेल के जरिये बड़ी मात्रा में पानी खींच रही हैं जिससे जमीन के अंदर जलस्तर कम हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में लगातार सुनवाई कर रहा है.

मंगलवार को सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति निसार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने क्षेत्र में सीमेंट फैक्ट्रियों को विध्वंसकारी बताया और मंदिर के पास स्थित फैक्ट्रियों के नाम बताने को कहा. पंजाब सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि मंदिर के पास बेस्ट-वे सीमेंट फैक्ट्री चकवाल और डीजी खान सीमेंट सहित कई अन्य फैक्ट्री हैं. सरकार ने बताया कि इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के वकील ने पूर्व चेयरमैन आसिफ हाशिमी को मौजूदा स्थिति के लिए जवाबदेह ठहराया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि अपने कार्यकाल में मोटी कमाई करने के बाद वे देश से भाग गए. इस पर कोर्ट ने पंजाब के गृह सचिव और विदेश सचिव से जवाब तलब करते हुए उनकी गिरफ्तारी के बारे में पूछा है.

कटासराज मंदिर: कटासराज पाकिस्तान के पंजाब के उत्तरी भाग में नमक कोह पर्वत श्रृंखला पर हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है. यहां एक प्राचीन शिव मंदिर है. यह करीब 900 साल पुराना मंदिर है. धार्मिक मान्यता तथा पुरात्तव विभाग के अनुसार, इस स्थान को शिव नेत्र माना जाता है. जब पार्वती सती हुई तो भगवान शिव की आंखों से दो आंसू टपके थे. एक आंसू कटास पर टपका जहां अमृत बन गया और इसी स्थान को पवित्र सरोवर तीर्थ स्थान कटासराज के रूप में जानते हैं, दूसरा आंसू अजमेर राजस्थान में टपका और यहां पर पुष्करराज तीर्थ स्थान है.

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