यरुशलम: इजरायल की एक शीर्ष रक्षा कंपनी ने इस बात की पुष्टि की है कि भारत ने उसके साथ 50 करोड़ डॉलर का एक सौदा रद्द कर दिया है. इसके तहत स्पाइक टैंक-रोधी मिसाइलों का निर्माण किया जाना था. यह सब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की पहली भारत यात्रा से ठीक पहले हुआ है. राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम लिमिटेड के प्रवक्ता इशाई डेविड ने यहां कहा, ‘‘राफेल को अब भारत के रक्षा मंत्रालय से एक आधिकारिक सूचना प्राप्त हो चुकी है जिसमें स्पाइक सौदे के रद्द होने की सूचना दी गई है.’’ उल्लेखनीय है कि स्पाइक का इस्तेमाल दुनियाभर के 26 देश कर रहे हैं. भारत ने एक लंबी प्रक्रिया के बाद सभी रक्षा खरीद नियमों का पालन करते हुए इसका चयन किया था.
राफेल ने बयान में कहा, ‘‘यह बात ध्यान दिलाए जाने योग्य है कि राफेल के सभी मांगों पर सहमत होने के बावजूद समझौता होने से पहले ही यह सौदा रद्द हो गया है.’’ राफेल इस निर्णय पर खेद जताता है और वह भारत के रक्षा मंत्रालय के साथ सहयोग करने की प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा. कंपनी भारत में काम करना जारी रखेगी क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण बाजार है. हालांकि कंपनी ने सौदा रद्दे होने के कारण का खुलासा नहीं किया. उल्लेखनीय है कि नेतान्याहू 14 जनवरी से चार दिन की भारत यात्रा पर जा रहे हैं.
इससे पहले केंद्र सरकार ने बीते 2 जनवरी को भारतीय वायु सेना के लिये 240 सटीक लक्ष्यभेदी बमों और नौसेना के लिये 131 बराक मिसाइलों की खरीद को मंजूरी दी. इस खरीद में कुल 1,714 करोड़ की लागत आयेगी. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी है. सटीक निर्देशित गोलाबारूद की श्रेणी में आने वाले यह बम रूस के मेसर्स जेएससी रोसोनबोरोन एक्सपोर्ट्स से 1,254 करोड़ की लागत से खरीदे जा रहे हैं.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘इन बमों की खरीद से भारतीय वायुसेना के आयुध में सटीक निर्देशित गोलाबारूद की कमी दूर होने के साथ ही वायुसेना की आक्रामक क्षमता में इजाफा होगा.’ इसमें कहा गया कि इस्राइल के राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम लिमिटेड से 460 करोड़ की लागत 131 बराक मिसाइलें हासिल की जा रही हैं. मंत्रालय ने कहा, ‘यह प्रक्षेपास्त्र सतह से हवा में मार करने के लिये तैयार किया गया है. इन्हें जहाज रोधी मिसाइलों के खिलाफ जहाज पर तैनात प्रक्षेपास्त्र रोधी रक्षा प्रणाली के तौर पर तैयार किया गया है.’