भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई दिनों से जारी गतिरोध में बुधवार को थोड़ी सकारात्मक प्रगति हुई है। तीन में से दो स्थानों पर भारत और चीन की सेनाएं थोड़ा पीछे हटी हैं। जबकि पेंगोंग लेक पर दोनों सेनाएं डटी हुई है। फिर भी छह जून को मेजर जनरल स्तर की बातचीत से ठीक पहले हुई इस प्रगति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
Trump administration plans to block Chinese airlines, after China prevented US airlines from resuming service between the countries: New York Times pic.twitter.com/MnfEHhNZdQ
— ANI (@ANI) June 3, 2020
सेना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि गलवान घाटी और चुसूल में भारत और चीनी सेनाएं थोड़ा पीछे हटी हैं। करीब एक पखवाड़े से भी अधिक समय से इन स्थानों पर दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध कायम था और तनातनी की स्थिति बनी हुई थी। हिंसक झड़पों की खबर भी आई हुई थी। लेकिन बुधवार को इसमें नरमी आई है।
दोनों सेनाएं कुछ कदम पीछे हटी हैं। हालांकि कितने पीछे हटी है, इसे लेकर कोई स्पष्ट दावा नहीं किया गया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि दोनों सेनाएं एक से दो किलोमीटर पीछे हटी हैं। चीनी सेना दो किमी और भारतीय सेना एक किमी पीछे हटी है। सेना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि दो स्थानों पर गतिरोध कम हुआ है। लेकिन सबसे ज्यादा चुनौती पेगोंग लेकर पर दोनों देशों के सेना के जमावड़े को लेकर है। वहां की स्थिति में बुधवार को कोई बदलाव नहीं दिखा है।
इस झील के आसपास दोनों देशों के सर्वाधिक सैनिक जमा हैं। पिछले महीने की शुरुआत में दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग लेक समेत कई स्थानों पर टकराव की नौबत आ गई थी। भारतीय क्षेत्र में हो रहे निर्माण के लेकर चीनी सैनिकों के विरोध के चलते दोनों सेनाओं के बीच तीखी झडपें हुई थी। लेकिन इसके तुरंत बाद समस्या के समाधान के लिए कूटनीतिक पहल शुरू हो गई थी। इसी कड़ी में छह जून को दोनों देशों के सेनाओं के वरिष्ठ अफसरों के बीच बातचीत भी तय की गई है।
6 जून को है लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारियों की बातचीत
पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को हल करने के लिए भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों के बीच वार्ता मंगलवार को बेनतीजा रही। सूत्रों के मुताबिक अगली बैठक छह जून को होगी। सूत्रों ने बताया कि मेजर जनरल रैंक अफसरों के बीच डिवीजन कमांडर स्तरीय वार्ता मंगलवार दोपहर को हुई लेकिन इसमें कोई नतीजा नहीं निकल सका।
वार्ता शुरू होने से पहले उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी भी जमीनी हालात की समीक्षा के लिए लद्दाख पहुंच गए थे। सूत्रों ने बताया कि बैठक में कोई खास सफलता नहीं मिली, इस वजह से दोनों देशों के सैन्य नेतृत्व के बीच एक और वार्ता छह जून को होगी। भारतीय सेना प्रमुख एम एम नरवाणे को उम्मीद है कि गतिरोध का समाधान सैन्य स्तरीय वार्ता में निकल आएगा।
सड़क बनाने को लेकर हुआ था विवाद
भारत द्वारा पूर्वी लद्दाख के पांगगोंग त्सो (झील) इलाके में एक खास सड़क और गलवान घाटी में डारबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी सड़क को जोड़ने वाली एक सड़क को बनाने के प्रति चीन के विरोध से पैदा हुआ था।
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में गत पांच मई को दोनों देशों के सैनिक लोहे की छड़ों और लाठी-डंडे लेकर आपस में भिड़ गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव भी हुआ था। इस घटना में दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुए थे। इसके बाद, सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास भारत और चीन के लगभग 150 सैनिक आपस में भिड़ गए, जिसमें दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए थे।
डोकलाम में 73 दिन तक गतिरोध चला था
दोनों देशों के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम में 73 दिन तक गतिरोध चला था। भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। वहीं, भारत इसे अपना अभिन्न अंग करार देता है। दोनों पक्ष कहते रहे हैं कि सीमा विवाद के अंतिम समाधान तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखना जरूरी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के कोरोना वायरस ट्रायल को फिर से शुरू करने के लिए कहा: AFP समाचार एजेंसी pic.twitter.com/lvWIYdOnyF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 3, 2020
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