नई दिल्ली/पणजी: वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने दृष्टिहीनों और निरक्षरों की मदद के लिए एक ऐसा यंत्र विकसित किया है जो अखबार, चिट्ठी-पत्री और अन्य दस्तावेजों को पढ़कर सुना सकता है. सीएसआईआर के अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि इस यंत्र का नाम ‘दिव्य नयन’ रखा गया है और इसका प्रदर्शन काफी शानदार है. उन्होंने कहा कि दृष्टिहीनों और निरक्षरों की मदद करने के उद्देश्य से सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने इस यंत्र को विकसित किया है.
उन्होंने बताया कि यह यंत्र लिखी हुई सामग्री को स्कैन कर लेता है और फिर उसे पढ़कर सुना देता है. इसके जरिए अखबार, चिट्ठी-पत्री या किसी भी दस्तावेज को स्कैन कर ऑडियो के रूप में सुना जा सकता है. यह यंत्र सीएसआईआर के तहत सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (सीएसआईओ) ने ईजाद किया है.
अधिकारियों ने कहा कि यह दृष्टिहीनों और निरक्षरों को काफी लाभ पहुंचाने वाला होगा. इस यंत्र को किसी लिखित दस्तावेज के ऊपर घुमाना होता है और फिर यह लिखी हुई चीजों को स्कैन करने के बाद उन्हें पढ़कर सुना देता है. इस यंत्र को कहीं भी ले जाया जा सकता है और इस्तेमाल किया जा सकता है.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने हाल में गोवा में एक कार्यक्रम के इतर बताया कि जब इस यंत्र का प्रदर्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने किया गया तो वह आश्चर्यचकित रह गए. उन्होंने कहा कि यह यंत्र वैज्ञानिकों का एक बड़ा आविष्कार है.
मंत्री ने कहा कि ‘दिव्य नयन’ दृष्टिहीनों और निरक्षरों के लिए काफी मददगार होगा और उन्हें लिखी चीजों को पढ़कर सुनाएगा. हर्षवर्धन ने कहा कि सीएसआईआर की प्रयोगशालाएं इस समय लगभग 250 उत्पादों पर काम कर रही हैं.