- नई दिल्ली . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (रविवार) को देशवासियों से 38वीं ‘मन की बात’ कार्यक्रम को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत में कर्नाटक के बच्चों के साथ हुई बातचीत का जिक्र किया. इस दौरान पीएम मोदी ने बच्चों की चिट्ठियां पढ़ीं. पीएम ने उत्तर कन्नड जिले की कीर्ति हेगड़े का जिक्र करते हुए कहा कि कीर्ति ने पर्यावरण की जानकारी के बारे में सुझाव दिया. एक अन्य बच्ची का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि एक बच्ची ने उन्हें बताया कि वह फौजी की बेटी है और उन्हें इस बात पर गर्व है. कलबुर्गी से इरफाना बेगम ने लिखा कि स्कूल काफी दूर है जिससे काफी दिक्कत होती है उन्होंने सुझाव दिया है कि स्कूल नजदीक होना चाहिए.
संविधान सभा के सदस्यों को किया नमन
पीएम ने कहा कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज का दिन संविधान सभा के सदस्यों को नमन करने का दिन है. पीएम मोदी ने कहा कि क्या आप कल्पना कर सकते है कि इतनी विविधता के होते हुए भी देश इन महापुरुषों ने संविधान को बनाने के लिए कितनी मेहनत की होगी. हमारा संविधान हर नागरिक, चाहे वह ग़रीब हो या दलित, पिछड़ा हो या वंचित, आदिवासी, महिला सभी के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करता है और उनके हितों को सुरक्षित रखता है. हमारा कर्तव्य है कि हम संविधान का अक्षरशः पालन करें .पीएम मोदी ने कहा कि हमारा संविधान बहुत व्यापक. सभी के लिए समानता और संवेदनशीलता हमारे संविधान की पहचान है. यह सभी के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करता है. हमारा कर्तव्य हो हम संविधान का पालन करें. किसी को किसी भी तरह से क्षति ना पहुंचे इसका ध्यान रखें.
बाबा साहब अंबेडकर को किया याद
ज, संविधान-दिवस के अवसर पर डॉ.बाबा साहेब अंबेडकर की याद आना बहुत स्वाभाविक है. संविधान-सभा में महत्वपूर्ण विषयों पर 17 अलग-अलग समितियों का गठन हुआ था. इनमें से सर्वाधिक महत्वपूर्ण समितियों में से एक, drafting committee थी, और डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर, संविधान की उसके अध्यक्ष थे. आज हम भारत के जिस संविधान पर गौरव का अनुभव करते हैं, उसके निर्माण में बाबा साहेब अंबेडकर के कुशल नेतृत्व की अमिट छाप है. देश को समृद्ध और शक्तिशाली बनाने में बाबासाहेब का योगदान अविस्मरणीय है.