भारत के बाद चीन का अमेरिका के साथ भी टकराव बढ़ने लगा है। ताइवान पर चीन की बयानबाजी ने दोनों देशों के रिश्तों को काफी तल्ख कर दिया है। अब अमेरिकी सेना भारत के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास करने जा रही है।
- अक्टूबर महीने में उत्तराखंड के औली में भारत और अमेरिका की सेनाएं सैन्य अभ्यास करेंगी
- यह युद्धाभ्यास ऐसे समय होने जा रहा है जब ताइवान के मसले पर यूएस-चीन में टकराव बढ़ गया है
- सीमा पर चीन की गतिविधियां हाल के दिनों में बढ़ी हैं, LAC तक उसके फाइटर जेट्स ने उड़ान भरी
सीमा पर हेकड़ी दिखाने वाले चीन को भारत और अमेरिका की तरफ से एक बड़ा जवाब मिलने जा रहा है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के समीप दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त सैन्य अभ्यास करने जा रही हैं। यह सैन्य अभ्यास अक्टूबर में उत्तराखंड के औली में होगा। रक्षा और सैन्य प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि यह 18 वां ‘युद्ध अभ्यास’ 14 से 31 अक्टूबर तक चलेगा। सूत्रों ने कहा कि अभ्यास का उद्देश्य भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और अंतर-संचालन को बढ़ाना है। पिछला अभ्यास पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका के अलास्का में हुआ था।
चीन को जाएगा कड़ा संदेश
समझा जाता है कि इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से चीन को एक कड़ा संदेश देने की कोशिश की जाएगी। एलएसी के समीप अमेरिकी सेना की मौजूदगी से चीन का तिलमिलाना तय माना जा रहा है। भारतीय सीमा में अमेरिकी फौज की मौजूदगी उसे चिढ़ाने वाली होगी। सीमा पर चीन रह-रह कर भारत को उकसाने वाली कार्रवाई कर रहा है। हाल के समय में पूर्वी लद्दाख में पीएलए के लड़ाकू विमान एलएसी के काफी समीप उड़ान भरते देखे गए हैं। भारत ने इस पर आपत्ति जताई है। चीनी सेना की हरकतें उसकी मंशा पर सवाल उठाती हैं।
सीमा विवाद सुलझाने के लिए बातचीत जारी
गलवान घाटी की घटना के बाद पूर्वी लद्दाख के कुछ जगहों से भारत और चीन दोनों ने अपनी सेनाएं पीछे हटाईं लेकिन अभी भी कुछ प्वाइंट्स ऐसे हैं जहां गतिरोध बना हुआ है। चीन इन जगहों से अपने सैनिक पीछे हटाने के लिए तैयार नहीं है। सीमा पर शांति बहाली एवं गतिरोध वाले जगहों से सैनिकों की वापसी के लिए दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच 16 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन इसका समाधान नहीं निकल सका है। हालांकि, दोनों देश के सैन्य कमांडर बातचीत जारी रखने के लिए चार बिंदुओं पर सहमति बनी है।
ताइवान पर अमेरिका-चीन में तल्खी बढ़ी
एलएसी के समीप यह युद्धाभ्यास ऐसे समय होने जा रहा है जब ताइवान के मसले पर अमेरिका और चीन के बीच तल्खी काफी बढ़ गई है और दोनों देश टकराव के रास्ते पर हैं। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन बौखला गया है और उसने ताइवान की घेरेबंदी करनी शुरू कर दी है। वह सैन्य कार्रवाई की धमकी दे चुका है। ताइवान पर चीन की आक्रामकता को देखते हुए अमेरिका ने हिंद-प्रशांत में अपनी सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं। एलएसी के समीप भारत के साथ युद्धाभ्यास करने से उसे चीनी सेना से निपटने के बारे में उसे रणनीतिक एवं अभियानगत लाभ मिलेगा।
Madhya Pradesh | A case has been registered after a Shivling was vandalised in a temple. We are collecting technical evidence and are also questioning in the nearby areas: Sachin Atulkar, ACP, Bhopal (03.08) pic.twitter.com/7vWl2kVBBA
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) August 3, 2022
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