भारत ने कहा है कि वह उभरते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत, एकीकृत और समृद्ध आसियान को केंद्रीय भूमिका निभाते हुए देखना चाहता है क्योंकि यह देश की समृद्धि और सुरक्षा में भी योगदान करता है। थाईलैंड की राजधानी में आसियान के सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 10 सदस्यीय क्षेत्रीय समूह के साथ भारत का जुड़ाव देश की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ और रणनीति का अहम हिस्सा रहा है और रहेगा।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक जयशंकर ने गुरुवार को कहा, “एक्ट ईस्ट का अर्थ अब हमारे हिंद प्रशांत नजरिये को क्रियान्वित करने का भी है जो इसका तार्किक बहिर्वेशन है।” उन्होंने कहा कि भारत के लिये आसियन बेहद महत्व वाला क्षेत्र है। आसियान में इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपीन्स, वियतनाम, ब्रुनेई, कंबोडिया, म्यांमार और लाओस शामिल हैं।
जयशंकर ने कहा, “हम एक मजबूत, एकीकृत और समृद्ध आसियान देखना चाहते हैं जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में केंद्रीय भूमिका निभाए क्योंकि यह भारत की समृद्धि और सुरक्षा में भी योगदान देता है।” वहीं आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) की बैठक को संबोधित करते हुए भारत ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद प्रशांत क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिये सामूहिक कार्रवाई की जरूरत बताई जहां आतंकवाद साझा खतरा बना हुआ है।
26वीं एआरएफ को संबोधित करते हुए जयशंकर ने भारत के हिंद-प्रशांत नजरिये पर रोशनी डाली। जयशंकर ने ट्वीट किया, “एआरएफ की 26वीं मंत्री स्तरीय बैठक में हमनें हिंद-प्रशांत को सुरक्षित रखने के लिये सामूहिक कार्रवाई को रेखांकित किया। यहां आतंकवाद सामूहिक खतरा है।”