सब्जियों में लगी महंगाई की आग- 200 फीसदी तक बढ़ गए दाम जाने वजह क्या है

आजादपुर कृषि उपज विपणन समिति(एपीएमसी) के चेयरमैन आदिल अहमद खान ने बताया कि बरसात के सीजन में आवक कम होने से ज्यादातर हरी सब्जियों की कीमतों में बीते एक महीने में वृद्धि दर्ज की गई है

नई दिल्ली : Coronavirus (Covid-19): कोरोना महामारी के संकट काल में अब खाने-पीने की चीजें भी महंगी होने लगी हैं. खासतौर से सब्जियों (Vegetables) के दाम में बीते एक महीने में जोरदार इजाफा हुआ है. तमाम सब्जियों के खुदरा दाम में 25 फीसदी से 200 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. टमाटर (Tomato Price) के दाम में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है. सब्जी कारोबारी बताते हैं कि बरसात में फसल खराब होने से कीमतों में बढ़ोतरी हुई. आजादपुर कृषि उपज विपणन समिति(एपीएमसी) के चेयरमैन आदिल अहमद खान ने बताया कि बरसात के सीजन में आवक कम होने से ज्यादातर हरी सब्जियों की कीमतों में बीते एक महीने में वृद्धि दर्ज की गई है.

डीजल महंगा होने से सब्जियों की ढुलाई का खर्च बढ़ा
खान के मुताबिक, डीजल की महंगाई के चलते भी सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि सब्जी कारोबारी बताते हैं कि डीजल महंगा होने से सब्जियों की ढुलाई का खर्च बढ़ गया है. हालांकि ग्रेटर नोएडा के खुदरा सब्जी विक्रेता मुनेंद्र को अपने खेतों से दुकानों तक सब्जी लाने में ढुलाई का कोई खर्च वहन नहीं करना पड़ता है, लेकिन वह भी पहले के मुकाबले अब ऊंचे दाम पर सब्जी बेचता है.

मुनेंद्र ने अपनी दुकान से महज एक किलोमीटर की दूरी पर कुछ बिगहे जमीन पट्टा पर लेकर उसमें बैगन, लौकी, करेला, भिंडी, खीरा आदि सब्जियों की खेती की है. मुनेंद्र ने बताया कि बरसात का सीजन शुरू होने पर आमतौर पर फसल खराब होने लगती है, जिससे उपज कम होती है. यही कारण है कि सब्जियों की कीमतें बढ़ रही है. ओखला मंडी के आढ़ती विजय अहूजा ने बताया कि बरसात के सीजन में हर साल सब्जियों की आवक कम हो जाती है जिससे कीमतों में तेजी रहती है.

डीजल महंगा होने से सब्जियों की ढुलाई का खर्च बढ़ा
खान के मुताबिक, डीजल की महंगाई के चलते भी सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि सब्जी कारोबारी बताते हैं कि डीजल महंगा होने से सब्जियों की ढुलाई का खर्च बढ़ गया है. हालांकि ग्रेटर नोएडा के खुदरा सब्जी विक्रेता मुनेंद्र को अपने खेतों से दुकानों तक सब्जी लाने में ढुलाई का कोई खर्च वहन नहीं करना पड़ता है, लेकिन वह भी पहले के मुकाबले अब ऊंचे दाम पर सब्जी बेचता है.

मुनेंद्र ने अपनी दुकान से महज एक किलोमीटर की दूरी पर कुछ बिगहे जमीन पट्टा पर लेकर उसमें बैगन, लौकी, करेला, भिंडी, खीरा आदि सब्जियों की खेती की है. मुनेंद्र ने बताया कि बरसात का सीजन शुरू होने पर आमतौर पर फसल खराब होने लगती है, जिससे उपज कम होती है. यही कारण है कि सब्जियों की कीमतें बढ़ रही है. ओखला मंडी के आढ़ती विजय अहूजा ने बताया कि बरसात के सीजन में हर साल सब्जियों की आवक कम हो जाती है जिससे कीमतों में तेजी रहती है.

दिल्ली-एनसीआर में एक महीने में कितनी महंगी हुई सब्जियां

जून के पहले हफ्ते में थोक दाम (रुपये प्रति किलो)
आलू- 20-25 रुपये, गोभी -30-40 रुपये, टमाटर -20-30 रुपये, प्याज -20-25 रुपये, लौकी/घिया-20 रुपये, भिंडी -20 रुपये, खीरा -20 रुपये, कद्दू -10-15 रुपये, बैगन -20 रुपये, शिमला मिर्च -60 रुपये, तोरई -20 रुपये, करेला -15-20 रुपये

जुलाई के पहले हफ्ते में खुदरा दाम (रुपये प्रति किलो)
आलू -30-35 रुपये, गोभी -60-80 रुपये, टमाटर -60-80 रुपये, प्याज -25-30 रुपये, लौकी/घिया -30 रुपये, भिंडी -30-40 रुपये, खीरा -50 रुपये, कद्दू – 20-30 रुपये, बैगन -40 रुपये, शिमला मिर्च -80 रुपये, तोरई -40 रुपये, करेला -30 रुपये

5 जून को आजादपुर मंडी में सब्जियों का औसत थोक भाव यानी मॉडल रेट (रुपये प्रति किलो)
आलू-15.25 रुपये, गोभी-14.75 रुपये, टमाटर-2.75 रुपये, प्याज -6 रुपये, लौकी/घिया-10 रुपये, भिंडी-14 रुपये, खीरा-11 रुपये, कद्दू-12 रुपये, बैगन-15.75 रुपये, शिमला मिर्च -10.25 रुपये, तोरई-10.50 रुपये

4 जुलाई के दाम
आलू-16.15 रुपये, गोभी-36 रुपये, टमाटर-29 रुपये, प्याज-9.50 रुपये, लौकी/घिया-12 रुपये, भिंडी-16.50 रुपये, खीरा-12.75 रुपये, कद्दू-12 रुपये, बैगन-15 रुपये, शिमला मिर्च-16.50 रुपये, तोरई-10 रुपये.

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