सेहत के लिए पानी पीना अच्छी आदत है। स्वस्थ रहने के लिए हर इंसान को दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। आयुर्वेद में कहा गया है सुबह के समय तांबे के पात्र का पानी पीना विशेष रूप से लाभदायक होता है। इस पानी को पीने से शरीर के कई रोग बिना दवा ही ठीक हो जाते हैं। साथ ही, इस पानी से शरीर के जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं। रात को इस तरह तांबे के बर्तन में संग्रहित पानी को ताम्रजल के नाम से जाना जाता है।
तांबे के बर्तन में कम से कम 8 घंटे तक रखा हुआ पानी ही लाभकारी होता है। जिन लोगों को कफ की समस्या ज्यादा रहती है, उन्हें इस पानी में तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए। बहुत कम लोग जानते हैं कि तांबे के बर्तन का पानी पीने के बहुत सारे फायदे हैं
वात रोग (गठिया )में होता है फायदेमंद
आजकल कई लोगों को कम उम्र में ही गठिया और जोड़ों में दर्द की समस्या सताने लगती हैं। यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो रोज तांबे के पात्र का पानी पिएं। गठिया या वात रोग की शिकायत होने पर तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल पीने से लाभ मिलता है।
रक्त की कमी (एनीमिया ) में लाभदायक
एनीमिया या रक्त की कमी एक ऐसी समस्या है जिससे 30 की उम्र से अधिक की कई भारतीय महिलाएं परेशान हैं। तांबे के बारे में यह तथ्य सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक है कि यह शरीर की अधिकांश प्रक्रियाओं में बेहद आवश्यक होता है। यह शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने का काम करता है। इसी कारण तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से रक्त की कमी या विकार दूर हो जाते हैं।
मोटापा (ओबेसिटी) को कम करता है
कम उम्र में वजन बढ़ना आजकल एक कॉमन प्रॉब्लम है। अगर कोई भी व्यक्ति वजन घटाना चाहता है तो एक्सरसाइज के साथ ही उसे तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना चाहिए। इस पानी को पीने से बॉडी का एक्स्ट्रा फैट कम हो जाता है। शरीर में कोई कमी या कमजोरी भी नहीं आती है।
पाचन शक्ति को ठीक करता है
एसिडिटी या गैस या पेट की कोई दूसरी समस्या होने पर तांबे के बर्तन का पानी अमृत की तरह काम करता है। आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप अपने शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में कम से कम 8 घंटे रखा हुआ जल पिएं। इससे राहत मिलेगी और पाचन की समस्याएं भी दूर होंगी।
ह्रदय(हार्ट) को बनाए स्वास्थ्य रखता है
तनाव आजकल सभी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। इसलिए दिल के रोग और तनाव से ग्रसित लोगों की संख्या तेजी बढ़ती जा रही है। यदि आपके साथ भी ये परेशानी है तो तो तांबे के जग में रात को पानी रख दें। सुबह उठकर इसे पी लें। तांबे के बर्तन में रखे हुए जल को पीने से पूरे शरीर में रक्त का संचार बेहतरीन रहता है। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और दिल की बीमारियां दूर रहती हैं।
थायराइड रोग में लाभदायक
थायराइड ग्रंथि के सही तरीके से काम न करने के कारण थायराइड की बीमारी होती है। थायराइड के प्रमुख लक्षणों में तेजी से वजन घटना या बढ़ना, अधिक थकान महसूस होना आदि हैं। थायराइड एक्सपर्ट मानते है कि कॉपर के स्पर्श वाला पानी शरीर में थायरेक्सीन हार्मोन को बैलेंस कर देता है। यह इस ग्रंथि की कार्यप्रणाली को भी नियंत्रित करता है। तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से रोग नियंत्रित हो जाता है।
तांबे के बर्तन के उपयोग में रखे साबधानी भी
इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि इसके अंदरूनी तले को अच्छी प्रकार साफ करें, वरना उस पर कॉपर ऑक्साइड की परत (हरे रंग की) जमने लगती है और तब भी आपको इस पानी के पूरे लाभ नहीं मिल पाते। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कॉपर ऑक्साइड की परत के कारण तांबे के साथ पानी का सीधा संपर्क नहीं हो पाता और इस कारण रासायनिक क्रिया नहीं हो पाती।