कोरोनावायरस के संकट के बीच बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर इजराइल के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों और तीन बार चुनावों में बहुमत न मिलने के बावजूद उन्होंने राजनीतिक गठजोड़ से पीएम पद पा लिया।इसके लिए उन्होंने अपने विपक्षी बेनी गांत्ज से हाथ मिलाया है।
#US Secretary of State Mike Pompeo met with Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu in Jerusalem, where the two discussed Israel's plans to annex parts of the #WestBank. https://t.co/9Avxt62Ay0
— Global Analytica (@AnalyticaGlobal) May 14, 2020
बीबीसी से बातचीत में इजराइल के राजनीतिक विश्लेषक योहानन प्लेसनेर ने इस डील को ‘लोकतांत्रिक युद्धविराम’ बताया था। नेतन्याहू और प्रधानमंत्री मोदी की पर्सनल कैमिस्ट्री काफी मजबूत मानी जाती है। बेनी गांत्ज भी कई बार भारत को मजबूत लोकतंत्र और उभरती हुई ताकत करार दे चुके हैं।
नेतन्याहू लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री
दोनों नेता कह रहे हैं कि कोरोना काल में देश को स्थिर सरकार की जरूरत है, लिहाजा गठबंधन जरूरी है। एक साल में तीन आम चुनाव हो चुके हैं। दो गठबंधन थे। नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी में से किसी को भी बहुमत नहीं मिल पाया। अब दोनों मिलकर सरकार बना रहे हैं। नेतन्याहू पांचवीं बार देश की बागडोर संभालेंगे। हालांकि, उनका यह लगातार चौथा कार्यकाल होगा।
गठबंधन सरकार और शर्तें
- नेतन्याहू और गांत्ज के बीच सरकार चलाने को लेकर 14 पेज का एग्रीमेंट साइन हुआ।
- एग्रीमेंट के अनुसार- सरकार में दोनों पक्ष बारी-बारी से पद संभालेंगे।
- पहले 18 महीने नेतन्याहू पीएम तो गांत्ज रक्षा मंत्री रहेंगे।
- एग्रीमेंट में दोनों नेताओं को सत्ता हथियाने से रोकने की भी व्यवस्था की गई है।
- नेतन्याहू कार्यकाल खत्म करने के बाद गठबंधन तोड़कर चुनाव नहीं करा सकते।
- गांत्ज भी नेतन्याहू पर निचली अदालत में भ्रस्टाचार के आरोप सिद्ध होने के बाद उन्हें पद से नहीं हटा सकेंगे। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना होगा।
नई सरकार के सामने क्या चुनौतियां?
- इजराइल कोविड-19 से निपटने में तो काफी हद तक सफल रहा है। लेकिन, उसके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। एक अनुमान के मुताबिक देश के एक चौथाई कर्मचारी यानी 10 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए हैं।
- नेतन्याहू ने चुनाव में वादा किया था कि वेस्ट बैंक के उन इलाकों का विलय करेगें, जहां यहूदी बस्तियां बसाई गईं हैं। गठबंधन सरकार में भी इस पर सहमति बनी है। एक जुलाई से विलय शुरू होगा। इसके चलते फिलिस्तीन से संघर्ष बढ़ेगा। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक भी यह विलय गैरकानूनी है।
- नेतन्याहू के दौर में राष्ट्रवादी पार्टियों का सत्ता में दबदबा था। बेनी उदारवादी माने जाते हैं। ऐसे में गठबंधन सरकार में भविष्य की नीतियों पर कई तरह के विवाद होने की आशंका है।
US to Israel: Be circumspect on annexation of occupied West Bank US Secretary of State Mike Pompeo meets Israeli leaders Benjamin Netanyahu and Benny Gantz on one-day visit to Israel.https://t.co/k8ElcoCgC2 pic.twitter.com/oXZlLM6kBT
— Q. MCHENRY (@IC2MORROW67) May 14, 2020
बेनी गांत्ज को जानिए
गांत्ज पूर्व सेना प्रमुख हैं। नेतन्याहू को हराने के लिए उन्होंने दक्षिणपंथी और लिबरल दोनों नीतियों का सहारा लिया। चुनावों के दौरान वे नेतन्याहू पर लगे भष्टाचार के आरोप उठाते रहे। ये भी वादा किया कि वो नेतन्याहू के साथ सरकार नहीं बनाएंगे। अब ये वादा देशहित के नाम पर तोड़ दिया गया है। बेनी कहते हैं- कोरोना काल में देश को स्थिर सरकार की जरूरत है।
इजराइल की नीतियों में बदलाव मुमकिन
इजराइली अखबार हारेट्ज के मुताबिक, इजराइल की राजनीति अभी तक धार्मिक और राष्ट्रवाद पर टिकी थी। नई सरकार में लिकुड पार्टी के गठबंधन वाली दक्षिण पंथी और रूढ़िवादी पार्टियों को जगह नहीं मिली है। इससे देश की नीतियों में इनका प्रतिनिधित्व कम होगा। वहीं, बेनी लिबरल खेमे से आते हैं। ऐसे में उनके सत्ता में साझीदार बनने से इजराइल की राजनीति में बड़े बदलाव संभव हैं।
भारत से संबंध
प्रधानमंत्री मोदी और नेतन्याहू ने एक-दूसरे के देशों के दौरे करके करीबी संबंध स्थापित किए हैं। नेतन्याहू ने अपने चुनाव प्रचार में मोदी और ट्रम्प के पोस्टरों का भी इस्तेमाल किया था। मोदी ने फिलिस्तीन के साथ अपने संबंधों को संतुलित करते हुए इजराइल के साथ भारत के संबंधों को और अधिक पारदर्शी बनाया है। व्यापार, निवेश, आईटी, हाई टेक्नोलॉजी और डिफेंस सेक्टर में द्विपक्षीय संबंध से दोनों देशों को लाभ हुआ है।
इजराइल भारत का तीसरा सबसे बड़ा डिफेंस पार्टनर है। किसी भी नई सरकार से इन संबंधों के प्रभावित होने की संभावना नहीं है। गांत्ज की भी छवि भारत समर्थक के रूप मे है।
पसंद आया तो—— कमेंट्स बॉक्स में अपने सुझाव व् कमेंट्स जुरूर करे और शेयर करें
Idea TV News:- से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करें।