जीएसएलवी मार्क 3 एम1 के जरिए चंद्रयान-2 को लॉन्च किया गया. जीएसएलवी भारत में अब तक बना सबसे शक्तिशाली रॉकेट है इसीलिए इसे बाहुबली रॉकेट भी कहा जाता है.
नई दिल्लीः चंद्रयान-2 के जरिए भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक और इतिहास रच दिया है. मिशन चंद्रयान की लॉन्चिंग नीयत समय 2.43 मिनट पर हुई. इसकी गिनती रविवार शाम 6.43 मिनट पर 20 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हुई थी. चंद्रयान-2 को चेन्नई से लगभग 100 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र में दूसरे लांच पैड से प्रक्षेपण किया गया. इस मिशन में 978 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इस मिशन के जरिए 11 साल बाद इसरो दोबारा चांद पर भारत का झंडा लहराएगा. यह भारत का दूसरा चांद मिशन है. इससे पहले 2008 में चंद्रयान-1 को भेजा गया था.
चंद्रयान 2 को तीन हिस्सों में बांटा गया है. पहला ऑर्बिटर है, जो चांद की कक्षा में रहेगा. दूसरा लैंडर है जिसका नाम विक्रम है ये चांद की सतह पर उतरेगा और तीसरा हिस्सा है प्रज्ञान जो कि रोवर है, ये चांद की सतह पर घूमेगा.
चंद्रयान-2 करीब 3 लाख 84 हजार किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद चंद्रमा पर उतरेगा. इसे चंद्रमा पर उतरने में करीब 55 दिन लगेंग. यह चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरेगा. इस यान के उतरने के बाद वैज्ञानिकों को चांद के कई रहस्यों के बारे में जानकारी मिलेगी.
चंद्रयान-2 मिशन इसरो के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है. ऐसा इसलिए कि पहली बार इसरो चांद पर रोवर उतारने जा रहा है और ये मिशन कामयाब होता है तो भारत, रूस, अमेरिका, चीन के बाद चौथा देश बन जाएगा जिसने दूसरे खगोलीय पिंडों पर रोवर उतारा हो.