केपटाउन: भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टीम के दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज से पहले अभ्यास मैच नहीं खेलने के फैसले को उचित ठहराया क्योंकि इसमें मिलने वाली पिच न्यूलैंड्स में शुरूआती टेस्ट की विकेट के ‘15 प्रतिशत’ करीब की भी नहीं होती. कोहली ने पहले अभ्यास सत्र के बाद मीडिया से कहा, ‘‘आप कभी भी सुनिश्चित नहीं होते कि आपको बेहतरीन अभ्यास मैच मिलेंगे या नहीं. बल्कि आप इसकी जगह अभ्यास सत्र करा सकते हो जिस पर हमारा नियंत्रण होता है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप देखो कि हम इस समय जिस विकेट पर खेल रहे हैं, मैच में जो हमें विकेट मिलेगा, यह उसके 15 प्रतिशत करीब का भी नहीं होगा. इसलिये दो दिन बरबाद करने का कोई मतलब नहीं है. बल्कि इसकी जगह हम दो सत्र कराना चाहेंगे जैसे हमने आज किये हैं और टेस्ट मैच की लय में आकर खुद की परीक्षा लेंगे. ’’ कोहली और एबी डिविलियर्स रायल चैलेंजर्स बेंगलुरू में साथी खिलाड़ी हैं. लेकिन कोहली को यह बात समझ नहीं आती कि हर बार भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज को उनके और डिविलयर्स के बीच द्वंद्व क्यों कहा जाता है.
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि इस सीरीज में केवल दो खिलाड़ी खेल रहे हैं. एबी मेरे अच्छे मित्र हैं. वह जिस तरह से खेलते हैं, मैं उनका सम्मान करता हूं और मैं उनका व्यक्ति के तौर पर भी हमेशा सम्मान करता हूं. लेकिन जब हम एक दूसरे के खिलाफ खेल रहे हैं तो ऐसा नहीं है कि हम सीमायें लांघ जायेंगे, हम ऐसे नहीं हैं. ’’
कोहली ने कहा कि उन्हें पिचों के काफी तेज और उछाल भरे होने की उम्मीद है लेकिन उन्होंने यह भी याद दिलाया कि वे जोहानिसबर्ग में पिछली बार कितनी अच्छी तरह खेले थे जिसमें वे पांचवें दिन दक्षिण अफ्रीका को दूसरी पारी में आल आउट नहीं कर सके थे. भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘हां, हम यहां दक्षिण अफ्रीका आये हैं और भली भांति जानते हैं कि हमारी सरजमीं की तुलना में यहां का विकेट अलग तरह का होगा. यहां तक कि हम अंतिम बार जब यहां खेले थे तो काफी बातें हो रही थीं कि हमें शॉर्ट गेंद के खिलाफ जूझना पड़ेगा. लेकिन मुझे लगता है कि हमारे बल्लेबाजों ने अच्छी तरह डटकर सामना किया. ’’ कोहली को लगता है कि उनकी टीम के लाइन अप की काबिलियत से उन्हें सीरीज जीतने का भरोसा मिलता है.
यह पूछने पर कि क्या वह भाग्य पर भरोसा करते हैं तो उन्होंने तुंरत जवाब दिया, ‘‘मैं नहीं जानता. हमारा सर्वश्रेष्ठ परिणाम 2010-11 में ड्रा था. मुझे लगता है कि हमारा गेंदबाजी आक्रमण जिस तरह का है और हमें जिस तरह का बल्लेबाजी अनुभव है, हम निश्चित रूप से मानते हैं कि हम यहां जीत सकते हैं. इसमें दोराय नहीं है. अगर हमारे दिमाग में यह चीज नहीं है तो मुझे नहीं लगता कि हमें फ्लाइट पकड़कर यहां आना चाहिए था.’’