जयपुर: राजस्थान के सियासी घमासान के 22 वें दिन भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के सभी विधायकों को स्पेशल प्लेन से जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन जानकारों की माने तो अभी गहलोत सरकार की परेशानियां पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं।
शायद यही वजह है कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन विधायकों पर नजर रखने के लिए उनके साथ जैसलमेर गए हैं, वहीं बीजेपी ने तंज कसा है कि सीएम गहलोत जैसलमेर तक तो ले गए हैं लेकिन उसके आगे पाकिस्तान है। वैसे सरकार की सबसे बड़ी परेशानी अब भी बीएसपी से कांग्रेस में मर्ज होने वाले सभी 6 विधायकों को लेकर है, क्योंकि उन पर अभी अदालत के फैसले की तलवार लटक रही है। गहलोत ने भी शुक्रवार को खुलकर बोला कि उनके साथ खड़े विधायकों और उनके परिवार वालों को धमकियां दी जा रही है।
गहलोत ने कहा कि आज मुल्क में डेमोक्रेसी की हत्या हो रही है। राज्यपाल ने विधानसभा सत्र के लिए 14 जुलाई की तारीख दी है लेकिन इसके बाद से ही हमारे विधायकों और उनके परिजनों के पास धमकी भरे फोन आने लगे हैं, उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे थे इसीलिए मैंने उन्हें वहां जाने को कहा है। ये लोग केवल डेमोक्रेसी को खत्म कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने केवल डेमोक्रेसी बचाने का काम किया है।
अब यहां रहेंगे विधायक
अशोक गहलोत के साथ ये विधायक पिछले 13 जुलाई से जयपुर के फेयरमोंट होटल में ठहरे थे। अब इन्हें जैसलमेर के फाइव स्टार होटल सूर्यगढ़ में ठहराया गया। कहा जा रहा है कि विधानसभा सत्र शुरू होने तक ये एमएलए वहीं रहेंगे। 102 विधायकों के समर्थन का दावा भी किया गया है, गहलोत गुट के विधायकों को जयपुर से जैसलमेर रवाना करने के दौरान उनके समर्थकों की संख्या सामने आ गई।
तीनों विमानों में से एक में 38, दूसरे में 10 और तीसरे में 7 विधायकों को भेजा गया है। लेकिन 96 विधायक ही नजर आए। कहा जा रहा है कि केबिनेट मंत्री रघु शर्मा, प्रताप सिंह खाचरियावास और CPM विधायक बलवान पूनिया के साथ अस्पताल में भर्ती मास्टर भंवर लाल मेघवाल, परसराम मोरदिया नहीं गए और स्पीकर सी पी जोशी संवैधानिक पोस्ट के कारण इनके साथ नहीं दिखे। सभी ने संकट को तो गहरा माना लेकिन एकजुटता की भी बात कही है।
ऐसा दिखता है होटल
जैसलमेर में जिस रोड पर स्थित होटल सूर्यगढ़ में इन्हें ठहराया गया है वह किसी प्राचीन किले जैसा दिखता है। ऊंची ऊंची दीवारों के साथ इसमें एक ही प्रवेश द्वार होने के चलते किसी बाहरी व्यक्ति को आसानी से प्रवेश नहीं मिल पाता। शायद सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस होटल को चुना गया।
यह होटल मेघराज सिंह का है, जिसे उनके बेटे मानवेन्द्र सिंह अब संभालते हैं। ये वसुंधरा राजे के नजदीकी भी हैं और कभी प्रदेश में शराब कारोबार पर उनका कभी एकछत्र राज था, अब बड़े बड़े कोंट्रेक्ट लेते हैं। इसी होटल में इन सब विधायकों की ईद मनेगी और यहीं रक्षाबंधन।
गहलोत की चिंता
अशोक गहलोत की सबसे बड़ी चिंता BSP से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों को लेकर है। उनका मामला हाईकोर्ट पहुंच गया और कोर्ट ने नोटिस भी जारी कर दिया है। अब अगर फैसला बसपा विधायकों के खिलाफ आता है तो गहलोत संकट में फंस सकते हैं। क्योंकि जिन कांग्रेस 102 विधायकों के साथ होने की बात कर रही है, उनके इन 6 विधायकों के साथ खुद स्पीकर भी शामिल हैं।
जब तक दोनों पक्षों के बराबर वोट नहीं हो जाते तब तक स्पीकर खुद अपना वोट नहीं दे सकते। इसमें कांग्रेस विधायक मास्टर भंवरलाल के अस्पातल में बीमार हैं और फ्लोर टेस्ट के दौरान उनका सदन में मौजूद रहना काफी मुश्किल है। इस लिहाज़ से 102 की यह संख्या घटकर 100 पर आ जाती है। ऐसे में अगर बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के वोटिंग पर रोक के आती हैं, तो गहलोत की मुश्किल और भी बढ़ जाएगी। ऐसे में यदि देखना दिलचस्प होगा की आखिरकार अब राजस्थान की राजनीती का यह ऊंट किस करवट बैठेगा।
हम सबकी ड्यूटी है, हर नागरिक की ड्यूटी है…ज्यूडिशियरी हो, विधायिका हो, कार्यपालिका हो या मीडिया हो, सबकी ड्यूटी है, पहला काम है कि हम डेमोक्रेसी को बचाएं। हर नागरिक का कर्त्तव्य बनता है डेमोक्रेसी को बचाने के लिए वो आगे आएं, ये मैं अपील करना चाहता हूं। pic.twitter.com/fmtGRGREtr
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 31, 2020
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