जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से बौखलाए आतंकी राजधानी को दहलाने की फिराक में हैं। अपने नापाक मंसूबे पूरे करने के लिए जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकी राजधानी में घुस चुके हैं। खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस साजिश के लिए लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-मुजाहिदीन से गठजोड़ कर लिया है।
इन नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए लश्कर ए तैयबा और हरकत-उल-मुजाहिद्दीन के स्लीपर सेल जैश ए मोहम्मद के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इनकी अगुवाई जैश कमांडर अबू उस्मान कर रहा है। उसने ही पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) और जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को बीते सप्ताह बांदीपुरा इलाके के मीर मोहल्ले में सेब के एक बाग में हुई बैठक में तबाही का आदेश दिया था।
इस बैठक की जानकारी खुफिया इकाइयों ने दिल्ली पुलिस और बाकी सुरक्षा एजेंसियों को मुहैया कराई थी। इस बैठक में आतंकी अबू उस्मान ने दहशतगर्दों से कहा था कि कश्मीर के लोग जल्द ही अच्छी खबर सुनेंगे और ये खुशी की खबर जम्मू और दिल्ली में बड़े धमाकों के साथ आएगी। तभी से दिल्ली-एनसीआर में स्पेशल सेल संदिग्धों की धरपकड़ के लिए छापेमारी कर रही है। वहीं, खुफिया इकाइयां जैश के इस मॉड्यूल से जुड़ी हर सूचना एकत्र करने में जुटी हैं।
जैश, एलईटी और एचयूएम साथ आए : सुरक्षा एजेंसियों की जांच में सनसनखेज खुलासा हुआ है कि जैश ए मोहम्मद की इस नापाक साजिश में लश्कर ए तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-मुजाहिदीन (एचयूएम) का नेटवर्क सहयोग कर रहा है। हरकत-उल-मुजाहिदीन पाकिस्तान में रहकर कश्मीर में आतंकी गतिविधियां चलाने वाला मुख्य आतंकी संगठन है, जबकि लश्कर ने पाकिस्तान से लेकर भारत तक इंडियन मुजाहिद्दीन के जरिए अपना नेटवर्क बना रखा है।
अमेरिकी एजेंसियों ने समय-समय पर लश्कर ए तैयबा (एलईटी) का संबंध ओसामा बिन लादेन और अलकायदा से होने की बात कही है। वैसे भारतीय एजेंसियों के लिए जैश-ए-मोहम्मद हमेशा सिरदर्द बना रहा है, जिसके स्लिपर सेल उत्तर भारत में सक्रिय रहे हैं। जैश-ए-मोहम्मद का दिल्ली में संसद पर हमले सहित कई अन्य हमलों में हाथ रहा है, इसलिए इसके नेटवर्क को खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां खंगाल रही हैं।
भीड़भाड़ वाले बाजार आतंकियों के निशाने पर
स्पेशल सेल और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को खुफिया इकाइयों ने सूचना दी है कि जैश के कमांडर अबू उस्मान के नेटवर्क से जुड़ा एक मॉड्यूल दिल्ली के घनी आबादी वाले इलाके में घुसकर अपना ठिकाना बना रहा है, ताकि त्योहारों में भीड़भाड वाले इलाकों में बड़ी तबाही कर सकें। इनके निशाने पर दिल्ली में चार प्रमुख बाजार हैं। इनमें दक्षिणी दिल्ली का एक, मध्य दिल्ली के दो और यमुनापार का एक बाजार शामिल है।
4 आतंकियों के दिल्ली में घुसने की खुफिया सूचना से पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क। कई जगहों पर सुरक्षा बढ़ाई गई।
तलाश में 18 टीम लगीं
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की 18 टीम के 105 पुलिसकर्मियों ने दिल्ली में अब तक 53 जगहों पर छापेमारी की है और 69 संदिग्धों से पूछताछ की है। इनमें से सात लोगों के फोन और उनसे जुड़े दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है। पुलिस को इनकी गतिविधि पर शक है। इनसे पिछले तीन दिनों में पांच बार पूछताछ की जा चुकी है। इसके अलावा पुलिस ने करीब 12 मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड भी निकाला है, जबकि कुछ मोबाइल नंबरों को भी सर्विलांस पर लगाया गया है।
जैश-ए-मोहम्मद : जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर हमला करने के बाद से सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर है।
लश्कर-ए-तैयबा : इसकी स्थापना वर्ष 1987 में अफगानिस्तान में हुई। तब हाफिज सईद, अब्दुल्ला आजम और जफर इकबाल ने इसकी नींव रखी थी।
मुजाहिदीन : हरकत उल मुजाहिदीन का गठन कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए वर्ष 1985 में हुआ था। अमेरिका ने इसे संदिग्ध संगठनों की सूची रखा है।