कश्मीर: राहुल बोले- हमें रोकने और विदेशी नेताओं का दौरा करेगा

नई दिल्ली.अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यूरोपीय यूनियन (ईयू) के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को कश्मीर का दौरा करेगा। कांग्रेस इसके विरोध में है, उसने विदेशी नेताओं के दौरे को भारतीय संसद और सांसदों के विशेष अधिकारों का हनन बताया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय सांसदों को रोकने और विदेशी नेताओं को वहां जाने की अनुमति देने में कुछ तो बहुत गड़बड़ है। विदेशी सांसदों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि भारतीय सांसदों की कश्मीर यात्रा पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया और श्रीनगर से वापस भेज दिया गया। वहीं यूरोपीय सांसदों के लिए सरकार लाल कालीन बिछा रही है। इससे पहले कांग्रेस आनंद शर्मा ने एक बयान में कहा कि यूरोपीय सांसद कश्मीर जा रहे हैं। उन्हें पूरी जानकारी से अवगत कराया जा रहा है। ये भारतीय संसद की संप्रभुता के खिलाफ है और भारतीय सांसदों के विशेष अधिकारों का हनन है।
शर्मा ने कहा कि भारत के विपक्षी दलों के नेताओं को कश्मीर में सामाजिक संगठनों और व्यक्तियों से नहीं मिलने दिया गया। यूरोपीय सांसदों को कश्मीर ले जाना, सरकार की नीतियों में विरोधाभास दिखाता है। कश्मीर भारत का अंदरूनी मामला है, यह इस धारणा के भी खिलाफ है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह नया भारतीय राष्ट्रवाद है।
कश्मीर में विकास और शासन की प्राथमिकताएं दिखेंगी: मोदी

ईयू सांसदों के प्रतिनिधिमंडल, मोदी और डोभाल के बीच कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा हुई। मोदी ने अपने संबोधन के दौरान सांसदों को कश्मीर समेत भारत के अन्य हिस्सों के दौरे के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर में सरकार के विकास और शासन की प्राथमिकताएं दिखाई देंगी। डेलिगेशन वहां की संस्कृति और धार्मिक विविधता के बारे में भी ज्यादा अच्छी तरह समझ पाएगा।

‘हमारे सांसदों को कश्मीर जाने की अनुमति क्यों नहीं’

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “जम्मू-कश्मीर हमारा, फिर यूरोपियन यूनियन वाले कैसे पधारे? हमारा मामला, हम देखेंगे! पर मोदीजी ने यूरोपियन यूनियन को कश्मीर में पंच क्यों बनाया? दूसरे देशों के सांसदों को कश्मीर जाने की अनुमति है, हमारे सांसदों को क्यों नहीं? यह मोदी सरकार का फर्जी राष्ट्रवाद और संसद का अपमान है।”

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