एक ओर जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन ढूंढने में लगी है वहीं भारत में प्लाज्मा थेरेपी से इसके इलाज को लेकर उम्मीद जग रही है. आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलएनजेपी अस्पताल के निदेशक डॉक्टर एसके सरीन ने इसको लेकर प्रेस कान्फ्रेंस की है.
Initial trials of plasma therapy give hope… https://t.co/8ZQmeCWiPu
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 24, 2020
नई दिल्ली: एक ओर जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन ढूंढने में लगी है वहीं भारत में प्लाज्मा थेरेपी से इसके इलाज को लेकर उम्मीद जग रही है. आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलएनजेपी अस्पताल के निदेशक डॉक्टर एसके सरीन ने इसको लेकर प्रेस कान्फ्रेंस की है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना बीमारी से ठीक हो चुके लोगों से अपील की है कि वह प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आएं. केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने एलएनजेपी अस्पताल में कोरोना के गंभीर रोगियों पर प्लाज्मा थैरेपी इस्तेमाल करने की सीमित इजाजत दी है. उन्होंने कहा कि अगले 2-3 दिनों में और ट्रॉयल किए जाएंगे इसके बाद अगले हफ्ते केंद्र से इजाजत मांगी जाएगी. वहीं डॉक्टर एसके सरीन ने कहा कि जो लोग इस बीमारी से उबरे हैं वह अपना देशभक्ति दिखाते हुए ब्लड प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आएं.
सर्वे भवंतू सुखिनः! दिल्ली सरकार के चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वैदिक संस्थान में बनाए गए Corona Ward में मरीजों को दी जा रही है हैप्पीनेस थेरेपी. हमारा संकल्प – आप स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें. pic.twitter.com/pMD8uiWfQj
— Satyendar Jain (@SatyendarJain) April 22, 2020
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि पिछले हफ्ते केंद्र सरकार से इजाजत मिली थी कि जो कोरोना के सबसे सीरियस मरीज हैं उन पर प्लाज्मा थेरेपी करके देख सकते हैं कि इसके नतीजे क्या है. एलएनजेपी अस्पताल के मरीजों पर यह ट्रायल करने की इजाजत मिली थी जिसके बाद चार मरीजों पर ट्रायल करके देखा है. अभी तक के नतीजे उत्साहवर्धक हैं. डॉ एसके सरीन इस पूरी प्रक्रिया को मॉनिटर कर रहे हैं और संचालित कर रहे हैं. इसके बाद उन्होने इस पर जानकारी देने के लिए कहा.
डॉक्टर सरीन ने बताया कि आईएलबीएस अस्पताल के पास बहुत अच्छा ब्लड बैंक है. हमने मिलकर एक शुरुआती प्लानिंग की थी. साल 1901 में भी प्लाज्मा थेरेपी इस्तेमाल हुई थी. हमारे पास कोरोना की कोई दवाई नहीं है. यह बीमारी तीन फेस में होती है. पहला फेज में वायरस आता है. दूसरे फेज में सांस की दिक्कत होती है. तीसरे स्टेज में शरीर वह सारी चीज़ बनती हैं जिससे वायरस को मारा जा सके. हमने बहुत सोच समझकर इसका ट्रायल शुरू किया है. 4 मरीजों में उत्साहवर्धक नतीजे देखे हैं और आज 3 और लोगों को प्लाज्मा थेरेपी देंगे.
डॉक्टर सरीन ने बताया कि ‘इस थेरेपी के बहुत से फायदे हैं. लगता है कि अगर शुरू के 10 मरीज ठीक हो जाये तो हमें लीड मिल सकती है. लेकिन जिनको कोरोना हुआ वह लोग रिकवर हुए अगर वह प्लाज्मा देंगे तभी यह प्लाज्मा थेरेपी आगे बढ़ सकेगी. ठीक हुए मरीज़ प्लाज्मा दान करें, इसमें सिर्फ प्लाज्मा देना है रेड ब्लड सेल नहीं देना है.डोनर को कोई नुकसान नहीं होगा यह हमारी जिम्मेदारी है. डोनर की सुरक्षा हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है. हम मरीज के ऊपर पूरी जी जान से काम करेंगे, संभव है वो ठीक हो जाये’
डॉक्टर सरीन ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी बहुत सस्ती है. अगले 10 दिन में हम और नतीजे बता पाएंगे. 4 में से 2 मरीज अस्पताल में से जाने लायक हो सकते हैं इसी हफ़्ते. वे मरीज वेंटिलेटर पर जाने की स्थिति में थे. इस पर अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 4 में से 2 मरीजों को मंगलवार को प्लाज्मा दिया गया था. 3 दिन बाद वह आईसीयू से निकालकर वार्ड में शिफ़्ट कर देंगे. हालांकि यह शुरुआती नतीजे हैं, ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि हमें करोना का इलाज मिल गया. लेकिन इससे उम्मीद की किरण नजर आ रही है.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि यह खबर उत्साहवर्धक है. बहुत सारे लोगों ने डेंगू के लिए ब्लड दिया होगा. जैसे उसमें प्लेटलेट्स निकालते हैं इसी तरह से इसमें प्लाज्मा निकालते हैं और खून शरीर में वापस चला जाएगा. जो लोग ठीक हो कर घर आ गए हैं उनसे हाथ जोड़कर निवेदन कि आप लोग बहुत से लोगों की जान बचा सकते हैं. आप प्लाज़्मा दें. जितने लोग ठीक हो कर घर गए हैं उनके घर फोन आएगा. आने जाने के लिए हम आपके घर पर गाड़ी भेज देंगे.
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